नई दिल्ली, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2021-2022 ने भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए गति प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से ही आत्मनिर्भर का यह मंत्र उनके अनुभव से प्राप्त हुआ है। फिर, उन्हीं अनुभवों के आधार पर सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को इस बजट में भी शामिल किया गया। लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सरकार के सामने कई प्रकार की चुनौतियां थीं और इसने ‘प्रोत्साहन और सुधार’ दोनों पर ध्यान केंद्रित किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस आपदा को एक अवसर में बदल दिया।सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी जैसी चुनौतियां भी सरकार को उन सुधारों को करने से नहीं रोक पाईं जो अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं देश की दीर्घकालिक प्रगति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।सीतारमण के भाषण के साथ ही संसद के बजट सत्र के पहले हिस्से का समापन हो गया।एक फरवरी को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, “प्रोत्साहन और सुधार – महामारी की स्थिति से एक अवसर हासिल हुआ है। महामारी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थिति भी सुधार के लिए कदम उठाने से सरकार को नहीं रोक सकी जो इस देश के लिए दीर्घकालिक प्रगति को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।”
मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट ने भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए गति प्रदान की है।उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि बजट 2021-22 प्रधानमंत्री के अनुभवों से लिया गया है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने उस समय बहुत सारे बदलाव देखे थे।सीतारमण ने कहा कि यह बजट पीएम के अनुभव से लिया गया है जब वह गुजरात के सीएम थे। उस समय बहुत कुछ बदलाव हो रहा था। 1991 के बाद लाइसेंस कोटा राज समाप्त हो रहा था और फिर उन्हीं अनुभवों के आधार पर सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को इस बजट में भी शामिल किया गया।उन्होंने उल्लेख किया कि ‘जनसंघ’ से लेकर अब तक “हम लगातार भारत और इसके विकास में विश्वास करते हैं।”सीतारमण ने कहा कि भारतीय उद्यमिता कौशल, भारतीय प्रबंधकीय कौशल, भारतीय व्यापार कौशल, भारतीय व्यापार कौशल, भारतीय युवाओं और जनसंघ का सम्मान करते हुए भाजपा ने लगातार ‘भारत में विश्वास किया है’।
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