हरिद्वार 11 फरवरी( कुल भूषण ) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में आयोजित औषधीय पादप महाकुम्भ द्वारा आयोजित विज्ञान में बालिका व महिला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित वेबिनार में बोलते हुए मुख्य वक्ता के रूप में अमेठी विश्वविद्यालय लखनऊ की प्रोफेसर सुनीला धानेश्वर ने चरणबद्ध ढ़ंग से शोध कार्यो को किस प्रकार किया जाए और उसमें सरकार के भागीदारिता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज महिलाएं विशेषकर युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा को विभिन्न क्षेत्रों में सिद्ध किया है आज की महिला प्रतिभाएं सेनाए चिकित्साए राजनीतिक व अन्य विभिन्न क्षेत्रों में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार भी महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में और अधिक अवसर दिलाए जाने की दिशा में काम कर रही है।
जामिया हमदर्द दिल्ली की प्रो0 कंचन कोहली ने वेनिबार की अध्यक्षता करते हुए महिलाओं की भागीदारिता पर अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं में भेषज विज्ञान की उपयोगिता को परखने की अद्भुत क्षमता है। इसका लाभ इस क्षेत्र के शोध कार्य में लगी युवा महिला वैज्ञानिक प्रतिभाओं के शोध निष्कर्षो में देखने को मिलता है।
प्रो0 पापिया बिगोनिया प्राचार्याए डा0 एस0के0 मेमोरियल कालेज आफ फार्मेसी भेपाल ने कहा कि भेषज विज्ञान हमारी प्राचीन विधा हैए जिसकी शुरूआत हमारे घरों से होती है हमारे परिवारों की रसोई में काुी प्रयोग किया जाता है जिसके चलते हम विभिन्न बदलते मौसम में इन वनस्पतियों का उपयोग अपनी भोजन में कर अपने परिवार को आरोग्य रखने में करते है। भेषज विज्ञान एक व्यापक क्षेत्र है जिसमें बहुत अधिक शोर्ध कार्य की संभावना है। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय द्वारा आयोजित औषधीय पादप महाकुम्भ जैसे आयोजन देश के अन्य विश्वविद्यालय में भी आयोजित किए जाने चाहिए जिससे कि प्राकृतिक की इस अपार संपदा पर अनुसंधान करने वाले हमारे युवा वैज्ञानिकों को अपने अनुभव सांझा करने के लिए मंच व उचित अवसर उपलब्ध हो सके। आयोजन के संयोजक प्रो0 सत्येन्द्र कुमार राजपूत साधुवाद के पात्र है।
इस मौके पर आशीष पाण्डेयए सोनम पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वेबिनार में डा0 कपिल गोयल, डा0 अश्वनी, डा0 प्रिंस, डा0 विनोद नौटियाल ,सहित विभाग के समस्त कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। आयोजन के संयोजक प्रो0 सत्येन्द्र कुमार राजपूत, डॉ. आरती ठक्कर, amity यूनिवर्सिटी noida ने कार्यक्रम का संचालन ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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