Tuesday, November 26, 2024
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प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को बताया विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी, बोले- न खुद का भला…!

नयी दिल्ली, लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन नये कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए बुधवार को कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और उसे ‘‘विभाजित और भ्रमित’’ पार्टी करार देते हुए कहा कि वह न तो अपना भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर यह हमला उस वक्त बोला, जब लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का वह जवाब दे रहे थे। कांग्रेस के सदस्य मोदी के भाषण के दौरान टोकाटोकी करने के कुछ समय बाद सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के इस रुख पर कटाक्ष करते मोदी ने कहा, ‘‘हम मानते थे की हिंदुस्तान की बहुत पुरानी पार्टी… कांग्रेस पार्टी… जिसने करीब-करीब छह दशक तक इस देश में शासन किया है.. उस पार्टी का यह हाल हो गया है कि पार्टी का राज्यसभा का तबका एक तरफ चलता है और पार्टी का लोकसभा का तबका दूसरी तरफ चलता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी विभाजित पार्टी…ऐसी भ्रमित पार्टी…न खुद का भला कर सकती है और ना ही देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच सकती है।’’ गौरतलब है कि राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यावाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में प्रधानमंत्री का जवाब पूरा होने के बाद सदन से बर्हिगमन किया था जबकि निचले सदन में पार्टी के सदस्य मोदी के जवाब के बीच में ही बर्हिगमन कर गये। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए विस्तार से अपने बातें रखीं वहीं लोकसभा में स्थितियां दूसरी हैं।

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने जब कृषि कानूनों का जिक्र किया तो सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ बार टोकाटोकी की। उनके जवाब के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब प्रधानमंत्री हंगामे के चलते कुछ देर अपनी सीट पर बैठ गए। प्रधानमंत्री नेचौधरी से स्वयं कई बार आग्रह किया कि वह टोकाटोकी ना करें। मोदी ने उनसे कहा, ‘‘आपकी बात जहां दर्ज होनी थी, वह हो गई है। अब आप सुनिए।’’

इसी बीच, चौधरी ने कुछ कहा जो कि हंगामे की वजह से सुना नहीं जा सका। थोड़ी देर बाद कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पर्दाफाश हो जाएगा। सत्य वहां पहुंच जाएगा तो उनका टिकना भारी हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है। लेकिन इससे कभी भी आप लोगों का विश्वास नहीं जीत पाओगे… मान कर चलो।’’

मोदी ने कहा कि कोरोना काल में लाए गए तीन कृषि कानून कृषि सुधार के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूछना चाहता हूं पहले जो व्यवस्थाएं थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? कोई जवाब नहीं देता। नए कानून किसी प्रकार का बंधन पैदा नहीं करता बल्कि विकल्प देता है।’’ उन्होंने कहा कि इन कानूनों में पुरानी मंडियों के ऊपर भी कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, मंडियों को आधुनिक बनाने और अवसंरचना को सुधारने के लिए इस बार बजट की भी व्यवस्था की गई है। यह जो हमारे निर्णय है, वह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना के साथ लिए गए हैं।

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