पौड़ी, नाबालिग भाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में बहन ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में बहन का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। स्वजनों ने पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। स्वजनों का कहना है कि लिखित शिकायत के बावजूद भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। वहीं थलीसैंण पुलिस इसे खुदकुशी का मामला बता रही है।
थलीसैंण थाना क्षेत्र में बीते 24 जनवरी को नाबालिग धन्नू चौहान पुत्र दयाल सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। नाबालिग के स्वजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी है। नाबालिग की फुफेरी बहन कांति निवासी रणगांव विकासखंड थलीसैंण ने बताया कि बीते 20 जनवरी को गांव के ही गबर सिंह का मोबाइल खो गया था। मोबाइल 22 जनवरी को गबर सिंह के घर में ही मिल गया था। बावजूद इसके गबर सिंह ने उसके भाई धन्नू चौहान पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया। 24 जनवरी को सुबह साढे़ 10 बजे गबर सिंह गांव के ही एक व्यक्ति के साथ उनके घर आया और धन्नू को घर से उठा कर व्यासी ले गए। धन्नू जब दो बजे दोपहर घर लौटा तो वह काफी डरा हुआ था और कांप रहा था।
कांति ने बताया कि व्यासी से लौटने के बाद धन्नू ने किसी से बात नहीं की और अपने कमरे मे लेट गया। शाम को साढ़े चार बजे धन्नू की तबियत खराब हुई तो स्वजन उसे सीएचसी थलीसैंण ले गए। जहां उपचार के दौरान धन्नू ने दम तोड़ दिया। जिस पर स्वजनों ने गबर सिंह के खिलाफ थलीसैंण पुलिस से लिखित शिकायत की। कांति ने बताया कि पुलिस उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। स्वजनों ने पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए हैं। कांति ने इस संबंध में इंटरनेट मीडिया पर अपना एक वीडियो भी अपलोड किया है।
जिसमें वह मुख्यमंत्री से न्याय दिलाए जाने की गुहार कर रही है। कांति का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। वहीं थलीसैंण थानाध्यक्ष रविन्द्र सिंह ने कहा कि उक्त मामला खुदकुशी का है। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण कीटनाशक का सेवन बताया गया है। नाबालिग मृतक धन्नू की फुफेरी बहन कांति ने बताया कि धन्नू पिछले सात वर्षों से उनके साथ रह रहा था। धन्नू का गांव कुड़ेठ है और उसके पिता मजदूरी कर परिवार की आजीविका चलाते हैं।
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