नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार के लिए इस वर्ष 32 बच्चों को चुना गया है। इन्हें कला, संस्कृति, तीरंदाजी और तैराकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में वीरता, असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धियों के प्रदर्शन को लेकर चुना गया। पिछले साल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच 16 वर्षीय ज्योति कुमारी अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के अपने पैतृक जिले दरभंगा ले गई थी। इसके लिए उसे करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा था। ज्योति को उसकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया।
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ही उनकी बेटी इंवाका ट्रंप ने भी ज्योति के इस जज्बे की प्रशंसा की थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ज्योति के लिए जारी बयान में कहा, ” वह अपनी उम्र की अन्य लड़कियों जैसी ही दिखती है लेकिन अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर 1200 किलोमीटर की दूरी तय करके उसने जो साहस और शक्ति का प्रदर्शन किया है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।”
वहीं, मोटर मैकेनिक के बेटे 17 वर्षीय मोहम्मद शादाब को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रहने वाले शादाब अमेरिका में ”इंडियन यूथ एंबेसडर” हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा, ” शादाब के तेज दिमाग एवं विश्व में सुधार के लिए उनके प्रयासों और अमेरिकन हाई स्कूल में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के लिए उन्हें अमेरिकी सरकार की ओर से 28,000 डॉलर की छात्रवृत्ति प्रदान की गई।’
‘इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की सात वर्षीय कुमारी प्रसिद्धी सिंह को सामाजिक कार्य में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वह तमिलनाडु के चेंगलपट्टू जिले की रहने वाली है। इसी तरह, मणिपुर के इम्फाल वेस्ट जिले की 15 वर्षीय कुमारी वेनिश कीशम को कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के 14 वर्षीय कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे को वीरता के लिए पुरस्कृत किया गया। वाघमरे ने नदी में डूब रहे तीन में से दो बच्चों को बचाया था।
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