देहरादून, केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों और दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में उत्तराखंड़ के किसानों ने राजभवन कूच का ऐलान किया, लेकिन पुलिस ने राजभवन कूच के लिए दून आ रहे किसानों को जगह-जगह रोक दिया गया। दून-हरिद्वार के साथ ही दून-दिल्ली हाईवे साथ ही शिमला बाईपास रोड तीन घंटे तक जाम रही। दून-हरिद्वार रोड पर पांच किमी. से भी लंबा जाम लग गया। डोईवाला से दून आ रहे किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई इस दौरान एक वक्त पर तो हालात बेकाबू हो गए। रुड़की से दून आ रहे किसानों को बिहारीगढ़ में रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजना पड़ा। सहसपुर, विकासनगर से दून आ रहे किसानों को सिंघनीवाला में रोक दिया गया। गांधी पार्क से राजभवन की ओर बढ़ रहे किसान सभा के जुलूस को पुलिस ने हाथीबड़कला में रोक दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला के नेतृत्व में छिद्दरवाला, जोहड़ी, थानो भोगपुर, रानीपोखरी, दूधली, सिमलास ग्रांट, नागल ज्वालापुर, बुलंदवाला, बुल्लवाला और झबरावाला, तेलीवाला खैरी, धर्मूचक, चांदमारी, डोईवालाखत के किसान एक सौ से ज्यादा ट्रैक्टरों के साथ डोईवाला गुरुद्वारे के बाहर सुबह छह बजे से जुटने शुरू हो गए। करीब दस बजे ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने दून के लिए कूच किया। भानियावाला बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद पुलिस ने उन्हें लच्छीवाला पुल के नीचे बैरिकेडिंग लगाकर रोकना चाहा लेकिन किसानों ने इसे भी तोड़ दिया।
लच्छीवाला में पुलिस ने सड़क पर सीमेंट के डिवाइडर डालकर किसानों को रोकना चाहा, जिन्हें किसानों ने ट्रैक्टरों से भी इन्हें उखाड़ फेंक दिया। पुलिस को चकमा देकर किसान जंगल के रास्ते आगे बढ़ गए। यहां किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई। फिर हर्रावाला में किसानों को रोकने के लिए सड़क पर ट्राला खड़ा कर दिया, लेकिन किसानों ने ट्रैक्टरों से उसे धकेल कर सड़क किनारे कर दिया।
आईआईपी मोहकमपुर पर भी रोके गये किसान
राजभवन कूच के लिये देहरादून पहुंच रहे किसानों को आईआईपी गेट के पास रोकने के लिए पुलिस ने 20 डंपरों को आड़े-तिरछे सड़क पर खड़ा कर दिया। हाईवे के पूरे ट्रैफिक को रोक दिया गया। पौने एक बजे किसान करीब 60 ट्रैक्टर के साथ यहां पहुंचे, लेकिन वह डंपरों को हटाने में कामयाब नहीं रहे। बाद में किसानों की पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल ताजेंद्र सिंह ताज, बलवीर सिंह, उम्मेद बोरा, सुरेंद्र सिंह खालसा, एडवोकेट मनोहर सिंह ने एडीएम कुश्म चौहान, एसपी देहात परमेंद्र डोबाल और एसपी सिटी श्वेता चौबे से वार्ता की। ज्ञापन राजभवन तक पहुंचाने के साथ ही किसानों पर किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं करने और लच्छीवाला में सिख युवक के साथ हुई अभद्रता पर माफी मांगने की मांग रखी। जिसका आश्वासन मिलने पर दोपहर दो बजे किसान वापस लौट गए।
दूसरी तरफ किसान कानून वापस लेने की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों के आह्वान पर 26 जनवरी को दिल्ली में प्रस्तावित ट्रैक्टर-ट्राली परेड को लेकर बड़ी संख्या में किसानों का जत्था काशीपुर क्षेत्र से ट्रैक्टर-ट्रालियों से गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गया। इस दौरान आक्रोशित किसानों ने जमकर नारेबाजी की। वहीं जगह-जगह पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग लगाए थे, लेकिन कहीं भी पुलिस-प्रशासन ने किसानों के जत्थे को रोका नहीं। शनिवार की सुबह लगभग साढ़े सात बजे से किसान मुरादाबाद रोड स्थित नवीन अनाज मंडी में ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ एकत्र होना शुरु हो गए थे, सुबह लगभग सवा नौ बजे काशीपुर क्षेत्र से लगभग तीन सौ ट्रैक्टर-ट्रालियों पर लगभग दो-ढाई हजार किसान राष्ट्रीय ध्वज और संगठन का झंडा लगाकर दिल्ली में विभिन्न किसान संगठनों के आह्वान पर 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर-ट्राली परेड में शामिल होने रवाना हो गए हैं।
किसानों में केंद्र सरकार द्वारा किसान कानून वापस नहीं लेने को लेकर खासा रोष व्याप्त था। बावजूद इसके किसान पुलिस-प्रशासन के आह्वान पर शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली के लिए रवाना हुए। हालांकि किसानों ने नवीन मंडी में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन किसी भी तरह से शांतिभंग नहीं की। किसान अपने साथ खाने-पीने की व्यवस्था व ठंड से बचाव के कपड़े साथ लेकर गए हैं। किसानों ने कहा वह शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली में ट्रैक्टर-ट्राली परेड निकालेंगे, इसके लिए साथ जा रहे सभी किसानों को पहले ही बता दिया गया है।
कि कोई भी किसान किसी तरह से शांतिभंग करने का प्रयास नहीं करें। वहीं पुलिस-प्रशासन ने किसानों के जाने वाले मार्गों पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस बल तैनात कर रखा था, लेकिन कहीं भी किसानों की रैली को पुलिस कर्मियों ने रोका नहीं। उधर किसान भी शांतिपूर्ण ढंग से गत्वंय को रवाना हो गए। रैली में भारतीय किसान यूनियन (युवा) के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा, पूर्व ब्लॉक प्रमुख गुरुमुख सिंह, करमजीत सिंह पड्डा, मोहम्मद सलीम एडवोकेट, मनजीत सिंह, राजू छीना, मनप्रीत सिंह, लेखराज सिंह, विकास, लवप्रीत सिंह, नवदीप सिंह समेत बड़ी संख्या में किसान शामिल थे।
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