देहरादून, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जीतपाल बर्त्वाल के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके राज्य आंदोलन के दौरान योगदान को याद किया। रविवार को कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की ओर से शोक सभा आयोजत की गई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि जीतपाल उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के गढ़वाल मंडल प्रभारी भी रहे।
राज्य आंदोलन की लड़ाई में उनका योगदान अहम रहा। रैली, धरना, प्रदर्शन में वह सबसे आगे रहे। उनके कुशल व्यवहार के चलते भी मंच में उनकी विशेष पहचान थी। राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी ने कहा क़ि जीतपाल क़ी पृथक राज्य आंदोलन के प्रति एक पागलपन था। यही कारण है क़ि वह गोली से घायल हुए और कई बार लाठीचार्ज से घायल भी हुए। वह सीबीआइ के प्रमुख गवाह रहे, लेकिन जब राज्य बनने से जो लाभ उनके परिवारों को मिलना चाहिए था वह नही मिला। पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने कहा क़ि उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
समर भंडारी ने कहा कि हमने मिलकर इस राज्य के लिए सड़क से लेकर जेल भरो आंदोलन में पूर्ण संघर्ष किया। जयदीप सकलानी ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए हम मिलकर उनके परिवार की पूरी मदद करें, मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा क़ि सरकार की ओर से उनके निधन पर संवेदना नहीं दी गई, जिससे राज्य आंदोलनकारियों में नाराजगी है। इस मौके पर मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूड़ी, रविंद्र जुगरान, बाल आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी, चंद्र किरण राणा, पूरण सिंह लिंग्वाल, कमल गुसाईं, सुमन भंडारी, बीर सिंह रावत, वेदा कोठारी, यशवीर आर्य, पृथ्वी सिंह नेगी, भानु रावत, जबर सिंह पावेल, हरजिंदर सिंह, शीशपाल सिंह, सतेंद्र नोगाई, सुनील जुयाल, राजेश पांथरी, विनोद असवाल आदि मौजूद रहे।
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