Monday, November 25, 2024
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कुलीवेगार क्रान्ति शताब्दी समारोह- क्रान्तिकारियों के नाम पर सजा राजनीति का मंच

“सर्वदलीय विचार गोष्ठी में दिखा काग्रेसी चुनावी सभा जैसा मखहौल”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- आजादी की लड़ाई को एक नई दिशा देने वाले ऐतिहासिक ककोड़ाखाल विद्रोह का शताब्दी समारोह राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चड़ गया। ककोड़ा खाल में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ मंच पर काग्रेसियों का जमवाड़ा देखने को मिला मंच पर बैठने की होड़ से ये कार्यक्रम किसी चुनावी मंच से कम नहीं दिखा। मंच से ककोड़ाखाल के ऐतिहासिक आन्दोलन के बारे में कम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व उनके कार्य काल की उपलब्धियों को वक्ता गिनाते रहे। स्थिति ये थी कि पूरे छैत्र में जनता इसे काग्रेंस का कार्यक्रम कहती नजर आ रही थी।

बतादें कि 12 जनवरी 1921 का दिन स्वतंत्रता के इतिहास में अभूतपूर्व दिन था। आज से 100 वर्ष पूर्व गढ़ केशरी अनुसुइया प्रसाद बहुगुणा के नेतृत्व में अग्रेजों द्वारा थोपी कुली बेगार व कुली वर्दाइस प्रथा के खिलाफ स्थानीय लोगों नै वगावत का विगुल फूंका व ककोड़ाखाल रात्रि विश्राम को पहुंचे अंग्रेज डिप्टी कमीश्नर पी. मेसन का जमकर विरोध हुआ व कमीश्नर व उनके मातहतों के लिये बने टैंट व खाद्य सामग्री को आंदोलनकारियों द्वारा नष्ट कर दिया था विरोध इतना भयानक था कि पी.मेसन को रातों रात अपने परिवार के साथ वहां से चुपचाप भागना पड़ा दश्जयूला छैत्र को विट्रिस हुकूमत ने 10 नम्बरी घोषित कर दिया व लघभग 84 लोगों को जेल मे डाल दिया था। इस आंदोलन के दो दिन बाद बागेश्वर में भी ऐसा ही वीद्रोह हुआ । इस ऐतहासिक आंदोलन ने अग्रेजों की चूले हिला कर रख दी थी।

आज के का कार्यक्रम आयोजकों द्वारा इस ऐतिहासिक आंदोलन की 100वीं वर्ष गांठ पर विचार गोष्ठी होना प्रचारित किया गया जिसके लिये सामाजिक, राजनैतिक, साहित्यिक छैत्रों से जुड़े लोगों के अलावा स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों को आयोजक मंडल की ओर से बुलाया गया लेकिन ये कार्यक्रम विचार गोष्ठी न होकर काग्रेंस का कार्यक्रम बनकर रह गया। 11 बजे से शुरु होने वाला यह कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के 1.30 पर पहुंचने के बाद शुरु हो पाया जबकि निमंत्रण कार्ड मे कहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कोई जिक्र नहीं था। कार्यक्रम की गम्भीरता इससे साफ झलकती है कि इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ दल के ग्राम स्तर के पदाधिकारी तक ने शिरकत नहीं की भले ही ये तर्क जरूर दिया जा रहा था कि कि कार्यक्रम के अध्यक्ष जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ककोड़ाखाल के अध्यक्ष भाजपा पृष्ठ भूमि के है लेकिन उन्हे भी कार्यक्रम में कहीं तवज्जो नहीं मिली वक्ताओं के संबोधन में तक उनका नाम नहीं लिया गया कार्यक्रम का बुलावा स्कूल के प्रबंधक जो कि काग्रेंस कमेठी के जिला अध्यक्ष भी है उनकी ओर से हफ्ते भर पहले से दिया जा रहा था।

लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ जुटे काग्रेंस के कुनबे को देखते हुये वे भी अपने दायित्वों व सामाजिक सरोकारों को भूल गये स्थिति ये थी कि जब पूर्व मुख्यमंत्री अपने संबोधन के लिये उठे तो लगभग दो मिनट तक कार्यक्रम आयोजकों द्वारा थमाई लिस्ट के अनुसार वहां उपस्थित काग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम संबोधित करते रहे जबकि कार्यक्रम में छैत्र के सम्मानित प्रधान, छैत्र पंचायत प्रतिनिधि सहित आयोजक मंडल द्वारा बुलाये गये लोग भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन स्वयं आयोजक मंडल के सदस्य जो कि काग्रेंस के जिलाध्यक्ष भी है कर रहे थे। इस कार्यक्रम को पार्टी विशेष का बनाये जाने को लेकर स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश देखने को मिला कार्यक्रम के बाद अन्य दलों से जुड़े कई स्थानीय के कार्यकर्ता व ग्रामीण इस आयोजन के तौर तरीकों पर बहस करते दिखे।

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