नयी दिल्ली, नए कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायालय ने बड़ा आदेश जारी किया है। न्यायालय ने इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है इसके साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में भूपिंदर सिंह मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, डॉ प्रमोद कुमार जोशी, अनिल धनवत शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हल निकालने के लिए कमेटी बनाना चाहते हैं। कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने वाले एडवोकेट एमएल शर्मा ने अदालत को बताया कि किसानों ने कहा है कि वे अदालत द्वारा गठित किसी भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हम कानून का अमल स्थगित कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि यह भी सुनने में आ रहा है कि गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को बाधित किए जाने की तैयारी है। सवाल यह है कि लोग हल चाहते हैं या समस्या को बनाए रखना? अगर हल चाहते हैं तो यह नहीं कह सकते कि कमिटी के पास नहीं जाएंगे। जिसके बाद तमाम पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई और बातचीत के लिए चार सदस्यों की एक कमेटी बनाई है।
भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं। 15 सितंबर 1939 को गुजरांवाला (अब के पाकिस्तान) में जन्में भूपिंदर सिंह मान को साल 1990 में राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष के साथ-साथ किसान कोऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन भी हैं। हाल ही में भूपिंदर सिंह मान ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कानूनों का समर्थन किया था।
अशोक गुलाटी
कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी भारतीय अनुसंधान परिषद (आईसीआरआईईआर) में इन्फोसिस के चेयर प्रोफेसर हैं। इसके अलावा वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकार को सुझाव देने वाली समिति कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइज (सीएसीपी) के अध्यक्ष रह चुके हैं और उन्होंने कई फसलों की एमएसपी बढ़ाए जाने के मामले में अहम भूमिका अदा की है। वहीं, अशोक गुलाटी को साल 2015 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
डॉ प्रमोद कुमार जोशी
डॉ प्रमोद कुमार जोशी का कृषि शोध में बहुत बड़ा नाम है। वह दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक हैं। इसके अलावा वह राइट टू फूड कमेटी के सदस्य रह चुके हैं और इंटरनेशनल क्रॉप रिसर्च इंस्टीट्यूट में सीनियर इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं।
अनिल घनवत
अनिल घनवत शेतकारी संगठन के अध्यक्ष हैं। यह महाराष्ट्र में किसानों का संगठन है और इस संगठन नें केंद्र की मोदी सरकार को कृषि कानूनों के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। हालांकि, यह मानते हैं कि कानूनों में संशोधन की गुंजाइश भी है।
उल्लेखनीय है कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा रही है और चार सदस्यीय समिति का गठन कर रही है।
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