देहरादून। प्रदेश में स्वामित्व योजना के तीसरे चरण में अब तीन जिले टिहरी, उत्तरकाशी और नैनीताल जुड़ेंगे। इन जिलों के गांवों के भीतर संपत्ति के सर्वेक्षण का कार्य जल्द प्रारंभ होगा। अभी तक प्रदेश के 5500 गांवों में सर्वे का काम तकरीबन पूरा होने को है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस स्वामित्व योजना में अब तक पौड़ी, ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और देहरादून जिलों को शामिल किया जा चुका है। केंद्र सरकार पूरे राज्य को ही इस योजना में शामिल करने को हरी झंडी दिखा चुकी है।
प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से जिलों को इस योजना में शामिल किया जा रहा है। पहले चरण में पौड़ी, अल्मोड़ा और ऊधमसिंहनगर जिले इस योजना से जुड़े थे। बाद में अल्मोड़ा जिला असमर्थता जताते हुए इससे पीछे हट गया। इसके बाद हरिद्वार को इसमें लिया गया।
दूसरे चरण में देहरादून जिले के गांवों को जोड़ने के लिए अधिसचूना जारी हो चुकी है। देहरादून समेत इस योजना में शामिल किए जा चुके चार जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वेक्षण का काम हर हालत में आगामी 31 मार्च तक पूरा किया जाएगा। इन जिलों में ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड मिल जाएंगे। सर्वे और इसके बाद गांवों में संपत्ति, भूमि के नक्शे बनाने के काम का प्रशिक्षण राजस्व विभाग के कार्मिकों को भी दिया जा रहा है। गांवों के हवाई सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया की टीम की संख्या पांच से बढ़ाकर 10 की जा चुकी है।
राजस्व सचिव के मुताबिक 2022 तक पूरे प्रदेश में स्वामित्व योजना को क्रियान्वित किया जाएगा। 31 मार्च, 2021 तक प्रदेश में 6227 के स्थान पर अब 6800 गांवों में सर्वे किया जाएगा। उक्त सभी गांवों में निवासरत व्यक्तियों व परिवारों के संपत्ति कार्ड बनेंगे। स्वामित्व योजना को दी जा रही प्राथमिकता का अंदाजा इससे लग सकता है कि इसके तहत गांवों में संपत्ति विवादों के निपटारे की समय अवधि 21 दिन से घटाकर 10 दिन की जा चुकी है। इस वजह से योजना को प्रदेश में तेजी से अमलीजामा पहनाने में मदद मिलेगी।
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