नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सियासी मैदान में प्रियंका गांधी वाड्रा के उतरने को लेकर लंबे समय से जारी सस्पेंस पर अगले महीने पटाक्षेप होने की संभावना है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सियासी दौड़ में लाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ प्रियंका नए साल में अब सूबे में अपना प्रवास बढ़ाएंगी। साथ ही जिले स्तर पर कांग्रेस संगठन का ढांचा दुरुस्त करने की पहल शुरू करते हुए प्रियंका फरवरी से सूबे के सभी जिलों का दौरा भी शुरू करेंगी।
यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रियंका ही होंगी कांग्रेस का सियासी चेहरा
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर चल रहे असमंजस और अंदरूनी घमासान के बावजूद पार्टी में इस बात पर कोई संशय नहीं है कि उत्तर प्रदेश के 2022 के चुनाव में प्रियंका ही कांग्रेस का सियासी चेहरा होंगी। कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक प्रकरण के दौरान हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव ने मौजूदा संकट को थामने के प्रयासों में खासी सक्रिय भूमिका भी निभाई है। विशेषकर पार्टी के सियासी चाणक्य अहमद पटेल के निधन के बाद उनकी पहल को लेकर कांग्रेस के अंदरूनी गलियारों में चर्चा खासी गरम है।
प्रियंका ने असंतुष्ट नेताओं को हाईकमान के साथ वार्ता के लिए राजी करने में निभाई अहम भूमिका
मालूम हो कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की अगुआई कर रहे जी-23 समूह के प्रमुख नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा आदि से सीधे संवाद कर उन्हें हाईकमान के साथ बातचीत के लिए राजी करने में प्रियंका की भी अहम भूमिका रही। वैसे उत्तर प्रदेश के अहम मुद्दों को लेकर उनकी सक्रियता बीते कुछ अर्से से लगातार जारी है मगर सूबे के सियासी मैदान में उनकी गैर-मौजूदगी पार्टी के लिए चुनौती रही है।
प्रियंका के लिए उत्तर प्रदेश प्रवास की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा
पिछले एक साल से तो उनके लखनऊ को अपना नया ठौर बनाने की चर्चा गरम रही और यहां तक की एक घर का रंग-रोगन भी हुआ, लेकिन कोविड-19 महामारी की चुनौती ने इस बीच पार्टियों की सियासी सक्रियता को बेहद सीमित कर दिया। अब जब राजनीतिक गतिविधियां सामान्य ट्रैक पर लौट रही हैं तब विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका के भी उत्तर प्रदेश प्रवास की योजना को अंतिम रूप दिया जाने लगा है।
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