किसान ओम नारायण वर्मा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि ‘मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू कुत्ता करता है, इसलिए मेरे जीते जी वह मेरे लिए सबसे अधिक प्रिय हैं। मेरे मरने के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चम्पा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होगा।
छिंदवाड़ा, कुत्ता, इंसान का सबसे बड़ा वफादार साथी होता है ये बात सुनी और देखा भी होगा। लेकिन कुत्ते के नाम जमीन वसीयत लिख देना यह बात आपने नही सुना और ना देखा होगा। लेकिन यह बात सच है, एक किसान ने अपने पालतू कुत्ता जैकी के नाम दो एकड़ जमीन कर दी है। मध्य प्रदेश में छिंदवाडा जिले के ग्राम बाड़ीबाड़ा के निवासी किसान ओम नारायण ने अपने कुत्ते को दो एकड़ जमीन का वारिश बनाया है। छिंदवाड़ा के बाड़ीबाड़ा गांव निवासी किसान ओम नारायण ने अपने कुत्ते की वफादारी के चलते अपनी जायदाद से दो एकड़ जमीन का हकदार बना दिया। किसान ने बाकायदा अपनी वसीयत में अपनी जायदाद का हिस्सा अपने कुत्ते के नाम किया है।
जबकि बाकि जमीन का हिस्सा अपनी पत्नी चंपा के नाम कर दिया। दरअसल 50 वर्षीय किसान ओम नारायण अपने बेटों के व्यवहार से नाराज है। वही बेटो से आए दिन विवाद के चलते उन्होंने अपनी वसीयत में अपने बेटे की जगह पालतू कुत्ते को जायदाद का हिस्सेदार बना दिया। किसान ने कानूनी शपथ पत्र बनाकर अपने पालतू कुत्ते जैकी को वारिस घोषित किया है।
किसान ओम नारायण वर्मा ने अपनी वसीयत में लिखा है कि ‘मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू कुत्ता करता है, इसलिए मेरे जीते जी वह मेरे लिए सबसे अधिक प्रिय हैं। मेरे मरने के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चम्पा वर्मा और पालतू कुत्ता जैकी होगा। साथ ही कुत्ते की सेवा करने वाले को जायदाद का अगला वारिस माना जायेगा। किसान ओम नारायण वर्मा ने अपनी संपत्ति में से दो एकड़ जमीन कुत्ता जैकी के नाम करने की वजह बताई कि पारिवारिक विवाद के चलते गुस्से में 2 एकड़ जमीन पालतू कुत्ते के नाम किया है। परिवार में जो भी उसका पालन पोषण करेगा, उसकी जायदाद उसको मिलेगी। बताया जा रहा है कि ओम नारायण के पास 18 एकड़ जमीन है और उसके 5 संताने हैं(साभार प्रभा साक्षी)|
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