देहरादून, उक्रांद ने पार्टी कार्यालय में पहाड़ के गांधी स्व०इंद्रमणि बड़ोनी की 95 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनको याद किया। उक्रांद कार्यकर्ताओं ने 11 बजे घंटाघर स्थित स्व०बड़ोनी की प्रतिमा में दल के संरक्षक बी डी रतूडी के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गयी। पार्टी कार्यालय में श्रद्धांजलि देते हुये गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुये बड़ोनी जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
स्व०बड़ोनी जी के जीवन संघर्ष से हमे प्रेणा लेनी चाहिये। उत्तराखंड राज्य आंदोलन को की अगुवाही अहिंसक रूप में लेकर गये। आज के दिन सन 1925 को ग्राम अखोडी टिहरी गढ़वाल स्व० सुरेशा नंद के जेष्ठ पुत्र के रूप में जन्म लिया । सुनील ध्यानी ने कहा कि सब०बड़ोनी को पहाड़ का गांधी क्यों कहा गया था। उनमें नेतृत्व की क्षमता, सवांद के द्वारा लोगो को पक्ष में करना, राज्य आंदोलन को अहिंसक रूप से अगुवाही करना ही उनको पहाड़ के गांधी पुकारा गया। उनके जनदिवास को संस्कृति दिवस के रूप में सरकार मनाती है।
संस्कृति दिवस का रूप मनाने का अर्थ है कि वे एक कुशल रंगकर्मी थे।पांडव नृत्य और माधो सिंह भंडारी का मंचन की शुरुआत स्व०बड़ोनी ने आरम्भ किया था। पहला मंचन उन्होंने मलेथा से शुरू किया था। इन नाटकों का मंचन व कुशल निर्देशन उन्होंने 26 जनवरी 1957 में दिल्ली में किया था।इस अवसर पर लताफत हुसैन,जय प्रकाश उपाध्याय,बहादुर सिंह रावत,देवेंद्र चमोली,रेखा मिंया, शकुंतला रावत,जब्बर सिंह पावेल,राजेन्द्र बिष्ट,अशोक नेगी,किरन रावत कश्यप, शिव प्रसाद सेमवाल,सीमा रावत, अनिल डोभाल, ब्रजमोहन सजवाण,राकेश बिष्ट,सतीश नौटियाल, अंकेश भण्डारी, शैलेश खत्री, कमल कांत,अरबिंद बिष्ट,विनीत सकलानी, अरबिंद बिष्ट,विजेंदर रावत, आदि थे।इस अवसर पर स्व०बड़ोनी जी के जन्मदिवस से प्रेरणा लेते हुये विशन कंडारी पूर्व जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ टिहरी भाजपा,अमर सिंह धुंता आर टी आई एक्टिविस्ट, युवा दिगंबर सिंह ने उत्तराखंड क्रान्ति दल में शामिल हुये।
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