उधमसिंह नगर, छात्रवृत्ति घोटाले में पूर्व समाज कल्याण अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को आईटीआई थाना क्षेत्र की पैगा चौकी पुलिस ने घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले एक युवक को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पकड़े गए बिचौलिए के खिलाफ मार्च में आईटीआई थाने में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने बिचौलिए को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
आईटीआई थाना पुलिस ने दो दिन पूर्व देहरादून से छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। घोटाले की जांच के दौरान ही एसआईटी को बिचौलियों की ओर से जसपुर के कुछ ओबीसी छात्रों का फर्जी दस्तावेज से शिक्षण संस्थानों में दाखिला कराने के साक्ष्य मिले थे।
इसके आधार पर एसआईटी इंस्पेक्टर जीबी जोशी ने काशीपुर महुवाखेड़ा गंज निवासी पाकेश सिंह के खिलाफ आईटीआई थाने में केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से पुलिस पाकेश की धरपकड़ में जुटी थी। मुखबिर की सूचना पर पैगा चौकी पुलिस ने रविवार देर शाम पाकेश को महुवाखेड़ा गंज से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पैगा चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने बताया कि पाकेश ने जसपुर के तीन छात्रों का महेंद्रगढ़, हरियाणा स्थित एक शिक्षण संस्थान में फर्जी दाखिला कराया था। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
एक छात्र का मिलता था 47 हजार, गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में पाकेश ने खुलासा किया कि शिक्षण संस्थान और समाज कल्याण विभाग की ओर से उसे एक छात्र के 47 हजार 350 रुपये मिलते थे। इसमें से कुछ रकम वह छात्र को देता था और कुछ समाज कल्याण विभाग के लोगों को। छात्र को तैयार करने के बाद वह उसके शैक्षिक दस्तावेज लेकर उन्हें शिक्षण संस्थान में जमा कर देता था जिससे छात्र का फर्जी दाखिला दिखाया जाता था।
खुद भी छात्रवृत्ति से किया था बीएड |
काशीपुर। छात्रवृत्ति घोटाले में पकड़े गए बिचौलिए पाकेश ने वर्ष 2008 में बीपीएड और 2015 में बीएड किया था और यह पढ़ाई भी उसने छात्रवृत्ति से ही की थी। इसके चलते उसे छात्रवृत्ति लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी थी और वह छात्रों को आसानी से बरगला लेता था। काशीपुर में ही पाकेश की करीब तीन एकड़ जमीन भी है जिस पर खेती की जाती है। पढ़ा- लिखा और घर से संपन्न होने के बाद भी पाकेश लालच में आकर बिचौलिया बन गया।
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