सामाजिक कार्यकर्ता और लोकपाल आंदोलन शुरू करने वाले अन्ना हजारे भी अब भारत बंद के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने कहा कि वे किसानों के समर्थन में मंगलवार को एक दिन का भी उपवास रखेंगे. मंगलवार को किसानों देशव्यापी बंद बुलाया. किसानों ने कहा कि भारत के दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम किया जाएगा.
वहीं इससे पहले भी अन्ना हजारे ने किसानों के समर्थन में सरकार को बातचीत करने का सुझाव दिया था. अन्ना ने कहा, “वह किसानों की मांगों का समर्थन करते हैं. किसान और सरकार की स्थिति भारत पाकिस्तान की तरह हो गई है.” उन्होंने कहा कि जिस तरह चुनाव के समय नेता किसानों के घर और खेतों तक वोट मांगने के लिए जाते हैं, उसी तरह नेता भी अब उनकी समस्याओं पर बात करें.
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आज तो किसान अहिंसा के साथ आंदोलन कर रहे हैं, अगर आगे चल कर उन्होंन हिंसा का रास्ता चुन लिया था, क्या सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी? अन्ना ने कहा, “किसान कोई पाकिस्तानी नहीं हैं.”
अन्ना आंदोलन ने उखाड़ी थी UPA सरकार
मालूम हो कि साल 2011 और 2012 में अन्ना हजारे तत्कालीन UPA सरकार को खिलाफ जन लोकपाल कानून आंदोलन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का नेतृत्व कर चुके हैं. इस आंदोलन को देशभर से भारी समर्थन मिला था, जिसका नतीजा यह हुआ कि साल 2014 के चुनावों में जनता ने यूपीए सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. अब अन्ना हजारे किसान आंदोलन के समर्थन में भी उतर आए हैं.
दरअसल केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से किसान दिल्ली के कई बॉर्डर पर डटे हैं. इस बीच सरकार और किसान संगठनों के बीच कई बैठकें हईं, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं, क्योंकि सरकार का कहना है कि वो कानूनों में किसानों की तरफ से बताए गए संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन किसानों की मांग है कि केंद्र इन तीनों ही कानूनों को पूरी तरह से वापस ले.
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