नई दिल्ली, । भारत में सर्विसेज सेक्टर में नवंबर महीने में भी मजबूत रिकवरी देखने को मिली। नए ऑर्डर्स से कारोबार से जुड़ी गतिविधियों को मजबूरी मिली और नौ माह में पहली बार रोजगार के मोर्चे पर वृद्धि देखने को मिली। गुरुवार को जारी एक मासिक सर्वे में ऐसा कहा गया है। आईएचएस मार्किट के हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक नवंबर महीने में सर्विसेज पीएमआई 53.7 पर रहा। हालांकि, अक्टूबर के 54.1 के मुकाबले इसमें मामूली कमी देखने को मिली है लेकिन यह सेवा क्षेत्र में लगातार दूसरे महीने में मजबूती वृद्धि की ओर इशारा करता है। पीएमआई पर 50 से ऊपर का आंकड़ा वृद्धि जबकि उससे नीचे का आंकड़ा संकुचन को दिखाता है।
IHS Markit में एसोसिएट डायरेक्टर (इकोनॉमिक्स) पॉलियाना डि लीमा ने कहा, ”भारत के सर्विस सेक्टर में रिकवरी जारी है, जिसमें मार्च से सितंबर के बीच कोरोनावायरस की वजह से संकुचन देखने को मिला था। कंपनियों को नए ऑर्डर मिले हैं और इससे बिजनेस से जुड़ी गतिविधियों और रोजगार में वृद्धि हुई है।”
सर्विसेज क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने नवंबर में नए कर्मचारियों की नियुक्ति की। इससे पिछले आठ महीने से जारी नौकरी से छंटनी का दौर समाप्त हुआ। इस सर्वे के मुताबिक रोजगार के अवसर में कुल-मिलाकर मामूली वृद्धि देखने को मिली क्योंकि कुछ कंपनियों का कहना है कि वर्तमान कार्यभार के लिहाज से उनके पास पर्याप्त संख्या में कर्मचारी उपलब्ध हैं।
मूल्य की बात की जाए तो पिछले महीने इनपुट कॉस्ट और आउटपुट चार्जेज दोनों में वृद्धि देखने को मिली।
लिमा ने कहा, ”कोविड-19 के इकोनॉमी पर पड़े नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए ब्याज दरों में की गई कमी और सर्विसेज सेक्टर में रोजगार में वृद्धि से घरेलू मांग में तेजी आई है। हालांकि, कीमतों में तेजी के दबाव से रिकवरी पर असर पड़ सकता है।”
इसी बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हुई। विश्लेषकों का मानना है कि उच्च महंगाई दर को देखते हुए केंद्रीय बैंक प्रमुख नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है।
आरबीआई चार दिसंबर को मौद्रिक नीति से जुड़ी घोषणाएं करेगा।
सर्विसेज सेक्टर की कंपनियों ने आने वाले 12 महीनों में कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी का विश्वास जताया है। कोविड-19 से जुड़ी वैक्सीन के जल्द आने की उम्मीद से सकारात्मक धारणा को और मजबूती मिली है।
इसी बीच देश की निजी क्षेत्र की गतिविधियों में नवंबर में लगातार तीसरे महीने बढ़ोत्तरी देखने को मिली लेकिन वृद्धि दर में अक्टूबर के मुकाबले थोड़ी कमी देखने को मिली।(पीटीआइ)
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