मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी में साप्ताहिक अवकाश के तहत बाजार पूरी तरह बंद रहे जिसके कारण जन जीवन प्रभावित रहा व पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन के निर्देश पर साप्ताहिक अवकाश का पालन सख्ती से कराने के निर्देश दिए गये थे।
जिलाधिकारी के निर्देश पर पर्यटन नगरी मंे साप्ताहिक अवकाश पर सभी दुकानें पूरी तरह बंद रहीं केवल सब्जी, दूध, शराब व मेडिकल की दुकानों सहित पेट्रोल पंप खुले रहे। जिस कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा वहीं पुलिस भी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात रही। मालूम हो कि मसूरी के साप्ताहिक बंदी बुधवार को होती है लेकिन लॉक डाउन समाप्त होने के बाद से बाजार पूरी तरह खुलने लगे थे तथा साप्ताहिक अवकाश पर भी मसूरी में दुकाने बंद नहीं होती थी क्यों कि मसूरी पर्यटन नगरी है जिस कारण प्रशासन की ओर से ढिलाई दी जाती है।
लेकिन प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण के बढने पर प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने साप्ताहिक बंदी पर सख्ती की है। वहं दूसरी ओर बाजार बंद होने से सबसे अधिक परेशानी पर्यटकों को हुई व इन दिनों मसूरी घूमने आये पर्यटक बाजार बंद होने पर निराश नजर आये क्यो कि उन्हें खाना तो दूर चाय तक नहीं मिल पायी। दिल्ली से आये पर्यटक परिंदर सिंह का कहना था कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढावा देने की बात करती है वहीं बाजार पूरी तरह बंद करने से उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
न ही उन्हें खाना मिल पाया और न ही चाय मिल पायी वहीं वह बाजार में खरीदारी से भी वंचित रहे। उनका कहना था कि कम से कम चाय पानी की दुकान तो खुलनी चाहिए थी। इस संबंध में व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल का भी कहना है कि साप्ताहिक बंदी मसूरी में लागू नहीं होनी चाहिए क्यों कि यह पर्यटक स्थल है और यहां पर पर्यटक आते रहते हैं ऐसे में बाजार बंदी से पर्यटन प्रभावित होता है व इसका संदेश गलत जाता है। जबकि मसूरी पर्यटन नगरी होने के कारण साप्ताहिक बंदी से मुक्त रखी जाती है व इसे मेला क्षेत्र घोषित किया गया था।
बाक्स- साप्ताहिक बंदी से पर्यटक स्थलों को दूर रखा गया है तथा वहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही रही, वहीं पर्यटक स्थलों पर सभी दुकानें खुली रखी गई। वहंीं लोगों का कहना था कि जब पूरा बाजार बंद है तो शराब की दुकानों को छूट देना समझ से बाहर है क्यो कि यह कोई आवश्यक सेवा नहीं है।
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