शातिर साइबर अपराधी आजकल तरह तरह से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. फोन और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से कई तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. अभी तक बैंक की ओर से सलाह दी जाती थी कि आप किसी भी अनजान व्यक्ति से अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर या ओटीपी नंबर शेयर न करें. ऐसा करने से कोई भी आपके बैंक खाते से पैसा नहीं निकाल पाएगा. लेकिन अब साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका निकाला है. जिसमें बिना ओटीपी के भी आपके खाते से पैसे उड़ाए जा सकते हैं. शातिर आर्थिक अपराध इन दिनों इस तरह के क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे अपराधी आपको फोन करके आपको किसी तरह की मदद का ऑफर करते हैं. इसी बहाने आपके फोन या लैपटॉप में किसी तरह की ऐप डाउनलोड करवाते हैं. बस फिर क्या है पल भर में आपकी बैंक से जुड़ी तमाम जानकारी चुराकर आपको चूना लगा दिया जाता है.
कैसे जाल में फंसाते हैं?
ये साइबर अपराधी आपको फोन करके अपने जाल में फंसाते हैं. कई मामलों में अकाउंट का केवाईसी वेरिफिकेशन कराने को लेकर फोन आता है, कोरोना की वजह से फिजिकली आने से ये अपराधी मना करते हैं और वेरिफिकेशन के लिए आपके फोन पर ‘क्विक सपोर्ट’ एप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. इस तरह कॉलर आपके फोन को बड़े ही स्मार्ट तरीके से हैक कर लेते हैं. बातों में फंसाकर आपको किसी दूसरे अकाउंट से पैसे ट्रासफर करने के लिए कहते हैं और आपका क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर जान लेते हैं. बाद में आपके अकाउंट को चूना लगा देते हैं.
साइबर अपराध से कैसे बचें?
साइबर एक्सपर्ट की मानें तो टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट जैसी ऐप से कोई दूर बैठा व्यक्ति भी आपके फोन या कंप्यूटर पर पूरा अधिकार कर लेता है. इससे कोई भी एक्सिस करके आपके सिस्टम को ठीक कर सकता है. आजकल साइबर अपराधी इनका दुरूपयोग दूसरों के सिस्टम से जानकारी चुराने के लिए कर रहे हैं.
1- ऐप को डाउनलोड करते समय भी चेतावनी दी जाती है कि इसके आईडी की जानकारी वे केवल उसे ही दें, जिस पर भरोसा हो.
2- एप की आईडी किसी को बताने से आपकी पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है.
3- एप को बिना वजह डाउनलोड न करें
4- सिस्टम में कुछ खराबी आने पर उन्हीं से ठीक कराएं जिन्हें आप व्यक्तिगत तौर पर जानते हों.
5- कोई अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए बोले तो ऐसा बिल्कुल न करें.
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