रायपुर, अगर आप भी गूगल से किसी कंपनी का नंबर खोजते हैं तो सावधान हो जाइए। गूगल से मिले कुरियर कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर फोन करके राजधानी की छात्रा ठगी का शिकार हो गई। ठगों ने उसके खाते से चार बार में एक लाख रुपये निकाल लिए। छात्रा की शिकायत पर तेलीबांधा थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
छात्रा ने इंस्टाग्राम से की थी खरीदारी
तेलीबांधा पुलिस के मुताबिक श्याम नगर रायपुर निवासी 24 वर्षीय युवती ऐश्वर्या (परिवर्तित नाम) ने इंस्टाग्राम से ऑनलाइन जींस, कुर्ती और लेगिंग्स आनलाइन बुक कराई थी। कपड़े आए, लेकिन उनका साइज ठीक नहीं था। छात्रा ने कपड़े वापस करने के लिए इंस्टाग्राम पर ही कपड़े बेचने वाले से संपर्क किया। इस पर कुरियर से कपड़े वापस करने के लिए कहा गया। छात्रा ने गूगल पर ब्ल्यू डार्ट कुरियर कंपनी को सर्च किया और साइट पर दिए मोबाइल नंबर 9064861527 पर संपर्क किया।
ब्ल्यू डार्ट कुरियर के नाम से मिले नंबर से हुई ठगी की शिकार
फोन पर उपलब्ध शख्स ने छात्रा से नंबर सेव करने को कहा और कुरियर खर्च के रूप में 65 रुपये की मांग की। इसके लिए उसने छात्रा से कहा कि वह उसको एक रुपया पेटीएम के जरिए भेज रहा है। जिस नंबर से एक रुपया उसके पास आएगा, उसी नंबर पर वह कुरियर शुल्क भेज दे। छात्रा को ठगी का अंदेशा होने पर उसने पैसे डालने से मना कर दिया। इसके बाद भी चार बार में युवती के खाते से यूपीआइ के जरिए रात बारह बजे से तीन बजे के बीच 99 हजार 994 रुपये निकाल लिए। पांचवीं बार 45 हजार रुपये निकालने की कोशिश की गई, लेकिन लिमिट खत्म होने की वजह से रुपये नहीं निकल सके।
फीस के लिए जमा किए थे रुपये
छात्रा ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली से मेकअप का कोर्स करना चाहती है। पांच नंवबर को उसे फीस जमा करनी थी। उसने घर वालों से फीस का पैसा लेकर अपने खाते में जमा कराया था।
गूगल पर ठगों का जाल
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि ज्यादातर बड़ी कंपनियां गूगल पर अपने कस्टमर केयर का नंबर नहीं रखती हैं। इसके लिए उनकी साइट पर जाना होता है। साइबर ठगों ने गूगल पर अपना जाल बिछाकर रखा है और एड के नाम पर यह अपने नंबर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम सहित अन्य आनलाइन पेमेंट एप के कस्टमर केयर के नाम से डाले हैं। गूगल पेज पर इनकी दो-चार लाइन ही दिखती हैं और इन्हीं दो-चार लाइन में वे अपना नंबर डाल देते हैं। हम अक्सर पहली बार में ही स्कि्रन पर दिख रहे नंबर को सही मान लेते हैं, जबकि अगर हम उनकी साइट पर क्लिक करें तो आसानी से पता चल जाता है कि साइट फेक है।
जानिए आनलाइन ठगों से ऐसे बचें
अगर आपको किसी से पैसे लेने हैं तो किसी भी तरह की ओटीपी की जरूरत नहीं होती है। ज्यादातर ठग एक लिंक भेजते हैं जैसे ही लिंक को खोलते हैं तो आपका फोन हैक हो जाता है और ठग आसानी से आपके फोन की सारी डिटेल इकट्ठी कर लेते हैं।
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