देहरादून, दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर के बाल अनुभाग ने 7 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक गर्मजोशीपूर्ण और चिंतनशील काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने युवा आवाज़ों को एक आरामदायक माहौल में एक साथ लाया, उन्हें कविता को उसके कई रूपों में पढ़ने, सुनने और सराहने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस पहल का उद्घाटन बच्चों के बीच कविता के प्रति आजीवन प्रेम को बढ़ावा देने, उन्हें ऐसे साहित्य से जुड़ने में मदद करने के इरादे से किया गया था जो विचार और भावना को जागृत करता है। सत्र को सहज भागीदारी द्वारा चिह्नित किया गया था, जहां बच्चों ने न केवल अपनी पसंदीदा कविताएँ पढ़ीं, बल्कि एक-दूसरे की चुनी हुई कविताओं को भी ध्यान से सुना।
बैठक के मुख्य आकर्षणों में से एक कक्षा 9 की छात्रा आमद्या सिंह थीं, जिन्होंने सुब्रमण्यम भारती द्वारा लिखित “विंड” का एक शक्तिशाली गायन प्रस्तुत किया। कविता, इन पंक्तियों के साथ:
“हवा, धीरे से आओ, हृदय को स्थिर करो।”ऐसा करो, और हमसे मित्रता करो ।
हवा कमजोर आग को बुझा देती है। वह तेज़ आग को भड़काता और भड़काता है।
उसकी दोस्ती अच्छी है, हम हर दिन उसकी प्रशंसा करते हैं।”
…लचीलेपन और ताकत की भावना को कैद किया, जो दर्शकों को गहराई से पसंद आया।
एक अन्य युवा प्रतिभागी, ज़ोए डैनियल ने, शेल सिल्वरस्टीन की एक कविता को दिल से पढ़कर श्रोताओं को प्रसन्न किया, जिससे सभा में सनक और आश्चर्य का स्पर्श जुड़ गया।
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