वैज्ञानिकों से संवाद अब आसान, उत्तराखंड को मिला पहला साइंस रेडियो स्टेशन
देहरादून, उत्तराखंड़ में विज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा राज्य का पहला साइंस रेडियो स्टेशन शुरू किया जा रहा है। यह स्टेशन 88.8 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होगा। इस साइंस रेडियो स्टेशन से श्रोता वैज्ञानिकों से सीधे जुड़ सकेंगे और विज्ञान से संबंधित जानकारियां सरल भाषा में सुन सकेंगे। मौसम के पूर्वानुमान, चेतावनी और कृषि के लिए उपयोगी जानकारियां नियमित रूप से दी जाएंगी। साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा किए गए नवाचार और उनके समाज में उपयोग को लेकर भी जानकारी साझा की जाएगी। इसका उद्देश्य विज्ञान को आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाना और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है। बता दे कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहाँ दूरदराज के इलाकों तक जानकारी पहुँचाना चुनौतीपूर्ण होता है, वहाँ रेडियो एक सशक्त माध्यम बन सकता है। इस साइंस रेडियो के माध्यम से कृषक, छात्र, शिक्षक और आम नागरिक विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को आसानी से समझ सकेंगे।
ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड (बेसिल) ने उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में प्रदेश का पहला साइंस कम्यूनिटी रेडियो स्टेशन तैयार कर दिया है। यह रेडियो स्टेशन 88.8 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होगा। शनिवार को बेसिल की तकनीकी टीम ने इस रेडियो स्टेशन का पहला ट्रायल किया, जो पूरी तरह सफल रहा।
इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने ट्रायल का निरीक्षण किया और टीम को बधाई दी। प्रो. पंत ने कहा कि इस रेडियो स्टेशन के माध्यम से देश और प्रदेश के वैज्ञानिकों को आमजन से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। वे श्रोताओं को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि विज्ञान कैसे आम जीवन को सरल बना रहा है, और कैसे वैज्ञानिक शोध और नवाचार समाज के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। इस साइंस रेडियो पर मौसम, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और तकनीकी विषयों से जुड़ी उपयोगी और व्यावहारिक जानकारी प्रसारित की जाएगी, ताकि आम नागरिकों विशेषकर युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विज्ञान की समझ विकसित हो सके। यह स्टेशन जल्द ही औपचारिक रूप से उद्घाटित किया जाएगा और नियमित प्रसारण आरंभ करेगा।
बेसिल (ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड) द्वारा विकसित इस स्टेशन का पहला ट्रायल शनिवार को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने ट्रायल के दौरान रेडियो स्टूडियो का निरीक्षण किया और टीम को बधाई दी। यूकॉस्ट की एक समर्पित टीम रोजाना करीब दो घंटे का विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम प्रसारित करेगी, जिसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं में विज्ञान के प्रति रुचि और समझ को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में विज्ञान के विभिन्न पहलुओं जैसे पर्यावरण, तकनीक, स्वास्थ्य, मौसम, ऊर्जा और शोध से जुड़ी विषयवस्तु शामिल होगी। यूकॉस्ट ने पूरा साप्ताहिक शेड्यूल तैयार कर लिया है। इस रेडियो प्लेटफॉर्म पर प्रदेश के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के प्रोफेसरों को आमंत्रित किया जाएगा। वे अपने अनुसंधान और शोध कार्यों की जानकारी देंगे, और यह भी बताएंगे कि उनके शोध किस तरह से समाज के लिए उपयोगी हैं। राज्यपाल के निर्देश पर चल रहे “वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च” अभियान के तहत सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में जारी शोध कार्यों को भी इस रेडियो स्टेशन पर प्रस्तुत किया जाएगा। इससे आम लोग जान सकेंगे कि राज्य में हो रहे शैक्षणिक शोध समाज के जीवन स्तर को सुधारने में कैसे सहायक हो सकते हैं।
यूकॉस्ट परिसर में ट्रांसमीटर और टावर की स्थापना हो चुकी है। इस रेडियो स्टेशन का प्रसारण लगभग 10 किलोमीटर की हवाई दूरी तक सुना जा सकेगा, जिससे देहरादून जिले का एक बड़ा हिस्सा इसकी पहुंच में आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्टेशन आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सटीक और त्वरित वैज्ञानिक जानकारी देने के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
यूकॉस्ट की टीम द्वारा प्रतिदिन करीब दो घंटे का विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य छात्रों, ग्रामीणों और आम नागरिकों को विज्ञान से जोड़ना है। विज्ञान के विभिन्न पहलुओं जैसे पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य, तकनीक, मौसम और ऊर्जा को सरल भाषा में प्रस्तुत किया जाएगा। स्टेशन पर प्रदेश और देश भर के वैज्ञानिकों तथा प्रोफेसरों को आमंत्रित किया जाएगा जो अपने शोध कार्यों और आविष्कारों के बारे में बताएंगे और यह समझाएंगे कि विज्ञान आमजन के जीवन को कैसे सरल और बेहतर बना रहा है। विश्व पर्यावरण दिवस, 5 जून से इसका नियमित प्रसारण आरंभ किया जाएगा।
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