“द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला का है मामला, 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी की थी शिकायत”
देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में शिक्षा माफियाओं पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अभिभावकों से फीस के नाम पर वसूली की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा शहर के कई नामी-गिरामी स्कूलों पर कार्यवाही से जहां शिक्षा माफियाओं के हौसले पस्त हुए हैं वही बड़े-बड़े स्कूलों का फीस बढोतरी का खेल भी सामने आया है। फीस बढोतरी पर जिला प्रशासन की जीरो टालरेंस की नीति अपनाए हुए है, जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर प्रहार जारी है, जिले में पहली बार शिक्षा माफियाओं के हौसले मटियामेट हुए हैं। जब प्रशासन के हाथ शिक्षा माफियाओं के गिरेबान तक पंहुचे तब विद्यालयों का फीस स्ट्रक्चर सुधरने लगा।
जिला प्रशासन के स्वशासन की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे अब शिक्षा माफियाओं के हौसले नहीं टिक पा रहे हैं, जिससे जिले के कई नामी गिरामी स्कूल अब मनमर्जी फीस बढोतरी पर आए बैकफुट पर आएं है। जिला प्रशासन ने जैसे ही सख्ताई दिखाई तो धीरे-2 स्कूल फीस बढोतरी का खेल भी खुलने लगा। द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल बिना मान्यता नवीनीकरण के संचालित होने पर प्रशासन रू0 5,20,000 शास्ति लगाई ।
वहीं भानियावाला में अवस्थित द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल का फीस बढोतरी पर 100 से अधिक अभिभावकों द्वारा डीएम को शिकायत की गई थी। डीएम के निर्देश पर सीडीओ पर बुलाये जाने के उपरान्त भी स्कूल प्रबन्धन उपस्थित नही हो रहे थे। अभिलेखों की जांच करने पर पाया गया कि विद्यालय को प्री प्राईमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम से मार्च 2020 से मार्च 2025 तक की अवधि 5 वर्ष के लिए मान्यता प्रदान की गई थी, जबकि स्कूल प्रबन्धन द्वारा मान्यता नवीनीकरण के लिए अभी तक आवेदन नही किया गया है, जिस पर जिला प्रशासन द्वारा द प्रसिडेंसी विद्यालय पर प्री-प्राईमरी से कक्षा-8 तक बिना मान्यता के विद्यालय का संचालन करने के फलस्वरूप शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 की उपधारा-5 में उल्लेखित प्राविधानों के अन्तर्गत विद्यालय पर प्रतिदिवस 10,000/- की दर से दिनांक 1 अपै्रल 2025 से 22 मई 2025 तक 52 दिवसों का कुल 5,20,000/- रूपये शास्ति आरोपित कर दी गई है। उक्त शास्ति की धनराशि विद्यालय प्रशासन को पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के अन्तर्गत जमा करने के निर्देश दिए हैं। यदि विद्यालय प्रशासन द्वारा निर्धारित अवधि में शास्ति की धनराशि जमा नहीं की जाती है तो विद्यालय प्रशासन से धनराशि भू-राजस्व की भाँति वसूल की जायेगी।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने बच्चों, माता-पिता और दादा-दादी के लिए कहानी लेखन प्रतियोगिता शुरू की
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने आज एक अनूठी कहानी लेखन प्रतियोगिता का उद्घाटन किया, जिसमें 18 बच्चों और उनके अभिभावकों ने भाग लिया। लाइब्रेरी के बच्चों के अनुभाग में आयोजित इस कार्यक्रम ने कहानी कहने की शाश्वत खुशी का जश्न मनाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों से उभरते लेखकों को एक साथ लाया।
अलग-अलग उम्र और क्षमताओं के बच्चे अपने माता-पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बैठे, हाथ से लिखने की रचनात्मक प्रक्रिया में शामिल हुए – एक ऐसा अनुभव जिसे कई प्रतिभागियों ने आनंददायक और गहराई से सार्थक दोनों पाया।
भाग लेने वाले अभिभावकों में से एक श्री मनोज सक्सेना ने कहा, “कागज पर पेन या पेंसिल से लिखना धीरे-धीरे एक खोई हुई कला बनता जा रहा है।” “यह केवल शब्दों को व्यक्त करने के बारे में नहीं है, यह डिजिटल दुनिया के सामान्य विकर्षणों के बिना अपनी कल्पना और विचारों का सामना करने के बारे में है। इस तरह लिखने से आपको खुद से गहरे स्तर पर जुड़ने में मदद मिलती है।”
कहानी लेखन प्रतियोगिता शनिवार, 31 मई 2025 और फिर शनिवार, 7 जून 2025 को जारी रहेगी। अंतिम सत्र में न केवल बच्चे और माता-पिता, बल्कि दादा-दादी और बड़े भाई-बहन भी शामिल होंगे, जिसमें पीढ़ियों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया जाएगा।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र शहर भर के परिवारों को इस समृद्ध अनुभव में भाग लेने और कहानियों की स्थायी शक्ति का जश्न मनाने के लिए आमंत्रित करता है।
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