– मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित
– उत्तराखंड में राजनैतिक दलों के साथ 85 सहित देशभर में 4719 बैठक संपन्न
देहरादून(आरएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग ने देश में मतदान प्रकिर्या में सरल एवं सुगमता के दृष्टिगत बीते कुछ समय में अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोग द्वारा मतदाताओं की सुविधा को देखते हुए हाल में विभिन्न प्रावधानों में जरूरी बदलाव किए हैं।
उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 तक सीमित कर दी गई है। ऊंची इमारतों/कॉलोनियों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकेंगे। मतदाता सूची अपडेशन के लिए, मृत्यु पंजीकरण का डेटा सीधे आरजीआई डेटाबेस से प्राप्त किया जाएगा और सत्यापन के बाद अपडेट किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वोटर इनफार्मेशन स्लिप को अधिक मतदाता अनुकूल बनाया जाएगा। मतदाता की क्रम संख्या और भाग संख्या अब अधिक प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी
उत्तराखंड समेत देशभर में राजनैतिक दलों के साथ बैठक
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की देश के मान्यता प्राप्त दलों के साथ उत्तराखंड में सीईओ स्तर पर 2, डीईओ स्तर पर 13 और ईआरओ स्तर पर 70 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देशभर में मान्यता प्राप्त दलों के साथ 4719 बैठकें आयोजित की गईं जिसमें राजनीतिक दलों के 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया
निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय और प्रदेश के राजनीतिक दलों के प्रमुखों के साथ आयोजित की गई। जिसमें आम आदमी पार्टी, भारतीय जानता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई (एम) और एनपीपी शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ पुरुषोत्तम ने बताया कि आयोग द्वारा नए एकीकृत डैशबोर्ड – ईसीआईनेट की शुरूआत की गई है। जिसका उद्देश्य सभी हितधारकों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएँ प्रदान करना है इसके ज़रिए 40 से अधिक ऐप/वेबसाइटों को एक ऐप के माध्यम से संचालित किया है। उन्होंने बताया कि आयोग ने डुप्लिकेट वोटर आइडी कार्ड की समस्या का समाधान किया है। जिसके तहत विशिष्ट इपिक नंबर के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है।
मतदाता सूची तैयार करने और चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया में 28 हितधारकों की पहचान की गई है, जिसमें मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल, उम्मीदवार और अन्य शामिल हैं, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, मतदाता पंजीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम, 1961 और ईसीआई द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर आधारित हैं। इनमें से प्रत्येक हितधारक के लिए आयोग के अधिनियमों, नियमों और निर्देशों के आधार पर ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार की जा रही हैं।
पंचायतों के मतदाता आयोग के पोर्टल पर ‘‘पंचायत मतदाता खोजें’’ पर क्लिक कर खोज सकते हैं अपना नाम
देहरादून(आरएनएस)। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के लिये पंचायत निर्वाचक नामावलियों में नाम खोजने की सुविधा हेतु मतदाता सूची पोर्टल secvoter.uk.gov.in पर उपलब्ध करा दी गयी है। पंचायतों के मतदाता अपना नाम आयोग के उक्त पोर्टल पर ‘‘पंचायत मतदाता खोजें’’ पर क्लिक कर खोज सकते हैं।
इस संबंध में सचिव राज्य निर्वाचन आयोग राहुल कुमार गोयल द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि घर-घर जाकर कराये गये विस्तृत पुनरीक्षण के अनुसार दिनांक 17.01.2025 को अन्तिम रूप से प्रकाशित निर्वाचक नामावली में अंकित मतदाताओं के नाम खोजे जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम कतिपय कारणों से निर्वाचक नामावली के अन्तिम प्रकाशन में सम्मिलित होने से रह गये थे उन मतदाताओं के नाम आयोग द्वारा दिनांक 01.03.2025 से दिनांक 22.03.2025 तक प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में (हरिद्वार जनपद को छोड़कर) ग्रामवार बैठक बुलाकर निर्वाचक नामावली प्रकाशित करने हेतु विशेष अभियान चलाया गया था। उसके बाद भी ग्राम पंचायत के संबंधित प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र (वार्ड) की निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित करने हेतु उपलब्ध कराये गये आवेदनों पर जनपदों द्वारा आयोग से स्वीकृति प्राप्ति के बाद उक्त पोर्टल पर खोजे जा सकेंगे।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जनपदों के माध्यम से प्रयास किये गये हैं कि किसी भी पात्र निर्वाचक का नाम निर्वाचक नामावली में सम्मिलित होने से ना छूटे तथापि अभी भी पात्र मतदाता अपने निकटतम विकास खण्ड अथवा तहसील कार्यालय में प्रपत्र भरकर नाम जोड़ने / संशोधन करने हेतु आवेदन कर सकते हैं।
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