देहरादून, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बिना माता-पिता के रह रहे 174 बच्चों को नया परिवार मिला है। इनमें से 23 बच्चों को विदेशी दंपतियों ने गोद लिया, जिनमें तीन दिव्यांग बच्चे भी शामिल हैं। शेष 151 बच्चों को भारत के विभिन्न राज्यों के परिवारों द्वारा गोद लिया गया है। यह प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के माध्यम से पूरी की गई, जो भारत सरकार की संस्था है और देश में गोद लेने की प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है। यह पहल बच्चों को बेहतर जीवन, शिक्षा और संरक्षण देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष रूप से यह देखना प्रेरणादायक है कि दिव्यांग बच्चों को भी अपनाया जा रहा है।
मौजूदा समय में भी राज्य के देहरादून, हरिद्वार और अल्मोड़ा स्थित विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी (एसएए) के केंद्रों पर 22 बच्चे दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया में हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में 170 के आसपास दत्तक ग्रहण के आवेदन लंबित हैं। प्रतीक्षा में करीब दो साल का वक्त लग रहा है। सामान्य प्रक्रिया के तहत पांच साल तक के उन बच्चों को गोद दिया जाता है, जिनके माता-पिता नहीं है या संतान को त्याग चुके हैं। जिन 23 बच्चों को विदेशों में गोद लिया गया है, उनमें ज्यादातर कनाडा, स्पेन, इटली, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड व फ्रांस में गोद लिए गए हैं।
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