देहरादून, बस्ती बचाओ आन्दोलन ने कहा है कि देहरादून के बिन्दाल नदी में बड़ी संख्या में गरीबों के मकान चिन्हित किये जा रहे हैं ,जिन्हें जून माह तक बेघरबार किया जायेगा।
सभा में वक्ताओं ने आरोप लगया कि एनजीटी के आदेश की खानापूर्ति के लिये केवल गरीबों को ही बलि का बकरा बनाया जा रहा है,बड़े रसूखदारों तथा सरकारी कब्जों को सरासर नजरअन्दाज किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा रिस्पना बिन्दाल के फ्लड जोन गरीब लोगों का दुखदर्द न सत्ता, न ही कोर्ट संज्ञान ले रहा है, नैसर्गिक न्याय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पुर्नवास एवं मुआवजे के प्रावधान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि अनियोजित विकास गरीब लोगों एवं पर्यावरण के लिऐ भारी खतरा बन चुका है।
वक्ताओं ने सरकार निम्नलिखित बिन्दुओं पर आवश्यक कार्यवाही की मांग कि है ।
(1) एनजीटी के आदेश के नाम पर अवैध घोषित मकानों पर सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप मुआवजा एवं पुर्नवास की व्यवस्था हो ।
(2)एलिवेटेड रोड़ के सभी प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजे एवं पुर्नवास की व्यवस्था हो ।
(3) लोगों को जोर जबरदस्ती बिस्थापित करने के बजाय पहले से तय मानकों के अनुसार बाजार रेट के हिसाब से तय मुआवजे एवं समुचित पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित हो ।
(4)सरकार यह बताये कि उन्होंने प्रभावितों के लिऐ क्या व्यवस्था कर रखि है और कहाँ व्यवस्था कर रखी है ।
इस अवसर अनन्त आकाश ,मोहम्मद अल्ताफ, नुरैशा अन्सारि,संजय भारति ,अदनान ,अन्जु भारती,तमरेज ,रज्जो ,सलिम ,हसीन, हामिद,असगर अलि आदि ने विचार व्यक्त किये ।
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