“साहित्यिक एवं सामाजिक मंच लोक मित्र की मासिक काव्य गोष्ठी में कवियों ने सुनाई रचनाएं”
देहरादून, साहित्यिक एवं सामाजिक मंच लोक मित्र की मासिक काव्य गोष्ठी रविवार को खुड़बुड़ा स्थित योगमाया मंदिर में हुई, जिसमें कवियों ने प्यार-मोहब्बत और सामाजिक विषयों पर अपनी रचनाएं सुनाई।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत संचालक सतेन्द्र शर्मा ‘तरंग’ ने मां सरस्वती की वंदना से की। इसके बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। दर्द गढ़वाली ने शेर ‘छोड़ गए बाबू जी जब से ये दुनिया। अम्मा की है दुनियादारी बक्से में।।’ सुनाकर तालियां बटोरी।
इसके बाद, वरिष्ठ कवि आनन्द सिंह राजपूत ‘आनन्द’ ने ‘पंचम सुर में गाती कोयल, तुझे बुलाती बैसाखी। माँ की ममता पंथ निहारे, तुझे पुकारे है राखी।।’ सुनाकर तालियां बटोरी।
हास्य-व्यंग्य के कवि हरीश रवि ने पढ़ा, ‘कवि रेल के डिब्बे में, जबरन यात्रियों को, कविता सुना रहे थे, अवसरवादिता का पूरा लाभ उठा रहे थे।’ सुनाकर श्रोताओं को हंसाया।
वरिष्ठ शायर शिवचरण शर्मा ‘मुज़्तर’ के शेर ‘हम तुम्हें भाई कहें और तुम हमें काफ़िर कहो
इस तरह तो भाई चारा अपना निभ सकता नहीं।’ को भी खूब पसंद किया गया। ओज के सशक्त हस्ताक्षर जसवीर सिंह हलधर ने पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा करते हुए इस रचना ‘खोलो रे अपने नैन अबोध अभागो। ओ भारत वासी जागो जागो जागो।।’ से महफ़िल लूट ली।
इससे पहले, रवीन्द्र सेठ रवि ने ‘मुझे मिली मैडम इमानदारी गली गली फिर रही थी मारी मारी, मैने पूछा क्या हाल है प्यारी, वो बोली हाल पूछते हो हालत नही देखते हमारी।’ से श्रोताओं को प्रभावित किया। सतेन्द्र शर्मा ‘तरंग’ की कविता ‘दहशत के आतंक ने, मार दिए निर्दोष, वार दरिन्दों ने किया, भारत के हृद-कोष।।’
को भी खूब पसंद किया गया। युवा कवयित्री स्वाति मौलश्री ने अपनी ग़ज़ल के शेर ‘हवा के झोंके ने जो गेसू उड़ाये, बहुत देर तक तुम बहुत याद आये’
सुनाकर वाहवाही बटोरी।
इससे पहले, वरिष्ठ कवि संजय प्रधान ने ‘गुलाब से लग रहे हो, मन में ये ख्याल बार बार आए,
इस उम्र में, अल्हड़ दिनों का मजा लिया जाए,
क्यों न खुद को संवारा सजाया जाए।’ सुनाकर वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आनंद दीवान ने जहां काव्य गोष्ठी को सफल बताया, वहीं अपनी कविता
‘बदलेगा सब बदलेगा। बेकार जमाना बदलेगा। ताल निकट टर्र टर्र होगी, से सबका दिल जीत लिया।कांच हमारा घर होगा।।’ इसके अलावा, नरेन्द्र शर्मा ‘अमन’ ने भी अपनी रचना सुनाकर तालियां बटोरी।
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