नैनीताल, उत्तराखंडं उर्जा विभाग के कारण एक उपभोक्ता बिल इतना अधिक आया कि वह हकबका रहा गया, एक ओर जहां विभाग स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों को जागरुक कर रहा है वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर के कारण लोगों का समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला हल्द्वानी मे सामने आया है। यहां स्मार्ट मीटर लगाने के बाद एक उपभोक्ता का 10 दिन का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए आया जिसे देखकर उपभोक्ता दहल गया। मामले की शिकायत जब विभाग से की गयी तो उनके द्वारा दलील दी गयी कि ऐसा पुराने मीटर की रीडिंग एलईडी के फॉल्ट के वजह हुआ है। जिसकी जांच करायी जा रही है।
आपको बता दें कि हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड संख्या 43 अरावली वाटिका छड़ैल निवासी हंसा दत्त जोशी ने 24 मार्च को स्मार्ट मीटर लगाया। लेकिन 12 दिन बाद 8 अप्रैल को जब स्मार्ट मीटर से पहला बिल आया तो वह दहल गये। क्याेंंकि मात्र 12 दिनों का बिल 46 लाख 60 हजार रुपए का था। जबकि पुराने मीटर के हिसाब से उनका बिल करीब 800 रुपए मासिक आता था। हंसा दत्त जोशी ने मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के अधिकारियों से की। हंसा दत्त जोशी ने बताया कि महीना भर पहले ही कुछ कर्मचारी उनके घर पर आकर स्मार्ट मीटर लगा गए थे। जब उनका ऑनलाइन बिजली का बिल आया। यह बिल 46 लाख 60 हजार से अधिक था। मामले में अधीक्षण अभियंता विघुत विभाग नवीन मिश्रा ने बताया कि 24 मार्च को पुराना विघुत मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाया गया था। पुराने मीटर की एलईडी खराब होने के चलते मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हुई है। पुराने बिल में 339 रीडिंग थी जिसे एलईडी खराब होने के कारण 7 लाख 339 दर्ज किया गया और उसी आधार पर 46 लाख का बिल जेनरेट हो गया। विभाग ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
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