देहरादून, प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के लिए गोल्डन कार्ड से कैशलेस इलाज संकट में आ गया है। अब कर्मचारियों और पेंशनरों के अंशदान से इलाज का खर्च पूरा नहीं हो रहा हैं। बता दे कि कैशलेस इलाज प्रदान करने वाले अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ से अधिक हो गई हैं। अस्पताल अब कैशलेस इलाज देने में असमर्थता जता रहे हैं। अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो हजारों सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को मेडिकल सेवाओं में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
अंशदायी योजना होने के कारण प्रदेश सरकार की ओर से कोई बजट नहीं दिया जाता है। वर्ष 2021 में राजकीय कर्मचारियों, पेंशनरों के लिए राज्य स्वास्थ्य योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कर्मचारियों और पेंशनरों के साथ उनके आश्रितों को गोल्डन कार्ड पर असीमित खर्च पर इलाज की सुविधा है।
इस सुविधा के लिए कर्मचारियों व पेंशनरों के वेतन व पेंशन से हर माह अंशदान लिया जाता है। इससे सालाना 120 करोड़ राशि प्राप्त होती है। जबकि इलाज पर होने वाला सालाना खर्च 300 करोड़ पहुंच गया है। ऐसे में योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों की देनदारी 100 करोड़ तक पहुंच गई है। भुगतान न होने पर सूचीबद्ध अस्पताल इलाज करने से मना कर रहे हैं। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट ने पहले ही इंकार कर दिया है। वहीं, अन्य अस्पतालों की ओर से राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को इलाज न करने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है।
राधा रतूड़ी का मुख्य सचिव पद से 31 मार्च को कार्यकाल पूरा, आनंद बर्द्धन बन सकते हैं नए सीएस
देहरादून, उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। उन्हें इस पद पर दो बार सेवा विस्तार मिल चुका है, लेकिन इस बार वे पुनः कार्यभार संभालने की इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार, उनके बाद राज्य के नए मुख्य सचिव के रूप में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की नियुक्ति की संभावना व्यक्त की जा रही है।
आनंद बर्द्धन 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तराखंड प्रशासनिक सेवा में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं। उनकी वरिष्ठता के चलते उनके मुख्य सचिव बनने की संभावना मजबूत मानी जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आनंद बर्द्धन का नाम मुख्य सचिव पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, जो पहले ही दो बार सेवा विस्तार ले चुकी हैं, अब मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद के लिए आवेदन कर चुकी हैं। वर्तमान में सीआईसी चयन की प्रक्रिया जारी है, और संभावना है कि सरकार उनके कार्यकाल समाप्त होने से पहले इस पद पर उनकी नियुक्ति कर सकती है।
आनंद बर्द्धन के बाद दो अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी मुख्य सचिव पद की दौड़ में शामिल हैं। इनमें 1997 बैच के IAS आरके सुधांशु और एल फेनई प्रमुख हैं। हालांकि, वरिष्ठता के आधार पर आनंद बर्द्धन का चयन अधिक संभावित माना जा रहा है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, आनंद बर्द्धन का नाम केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए भी प्रस्तावित हो चुका है, लेकिन उन्होंने उत्तराखंड में ही सेवाएं जारी रखने की इच्छा जताई है। ऐसे में उनके नए मुख्य सचिव बनने की संभावना प्रबल हो गई है।
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