देहरादून, ओएनजीसी अधिकारी संघ (ओओए) ने मंगलवार को ओएनजीसी प्रबंधन द्वारा जारी एकतरफा आदेश के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन और विरोध प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ओएनजीसी के विभिन्न कार्यालयों एवं वर्क सेन्टरों पर कर्मचारियों और हितधारकों ने भाग लिया, जो प्रबंधन के मनमाने निर्णय लेने पर सामूहिक असंतोष का स्पष्ट प्रदर्शन था। बातचीत और परामर्श के लिए बार-बार अपील के बावजूद, प्रबंधन ने उचित प्रक्रिया को दरकिनार करना चुना, जिससे कर्मचारियों के अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचा। प्रदर्शनकारियों ने इस एकतरफा कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। देहरादून सहित ओएनजीसी के विभिन्न कार्यालयों में अधिकारियों ने काले फीती लगाकर अपना विरोध प्रकट किया, इस शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे ओओए के पदाधिकारियों ने नारे, भाषण और प्रतीकात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। इस मौके पर शिकायतों और मांगों को उजागर करने वाला एक औपचारिक प्रतिनिधित्व भी संबंधित अधिकारियों को सौंपा गया। ओएनजीसी अधिकारी संघ के केंद्रीय अध्यक्ष श्री जॉर्ज एम रवि शेकरण एवं केन्द्रीय महासचिव डा. पीयूष रंजन दास ने चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन चिंताओं को दूर करने में विफल रहता है और सार्थक चर्चा शुरू नहीं करता है, तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन की तीव्रता बढ़ जाएगी। परिचालन में किसी भी व्यवधान की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रबंधन की रचनात्मक बातचीत में शामिल होने की अनिच्छा पर होगी। एसोसिएशन ने ओएनजीसी नेतृत्व से अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने और सभी हितधारकों के हितों का सम्मान करते हुए निष्पक्ष समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह भी किया है। इससे पूर्व एसोसियेशन के महासचिव डा. पीयूष रंजन दास 4 मार्च को विभिन्न मांगों को लेकर ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री अरुण सिंह को पत्र भी भेज चुके हैं जिसकी प्रतिलिपि अन्य संबन्धित अधिकारियों को भी प्रेषित की जा चुकी है । लेकिन कोई सकारात्मक हल न निकलने के कारण ओओए का प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना पड़ा ।इस अवसर पर ओएनजीसी के केडीएमआईपीई एवं तेल भवन परिसर में ओओए देहरादून यूनिट के अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष, सुनील कोलकलुरी, सचिव निखिल सिंह,सलाहकार रामराज द्विवेदी, संयुक्त सचिव शिवम मिश्रा, मल्लेली अंजनेयुलू आयोजन सचिव अरुण कुमार साहू, श्रीमती दिव्यानी सिंह, कोषाध्यक्षपंकज बजाज, सीईसी सदस्य वेंकना वाद्त्य, डॉ. हैरी गिल्बर्ट के साथ ओएनजीसी के अधिकारीगण इस शान्तिपूर्ण विरोध में शामिल हुये ।
*ओओएकी यह हैं मुख्य मांगे :*
– **प्रमोशन नीति** – पारदर्शी और निष्पक्ष प्रमोशन नीति की कमी से करियर प्रगति और मनोबल प्रभावित हो रहा है।
– **PAR अंक आवंटन और प्रणाली की जाँच** – PAR अंकों का मनमाना आवंटन असंतोष और अन्यायपूर्ण व्यवहार का कारण बन रहा है।
– **उत्तर-पूर्व में तैनात कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधानों की वापसी** – इन प्रावधानों को हटाने से कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों को परेशानी हो रही है।
– **वेतन असमानता (2006)** – वेतनमान में असमानता से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
– **पश्चिमी ऑफशोर में 21 दिन ON/OFF प्रणाली** – मानसून 2024 में 14 दिन ON/OFF के स्थान पर 21 दिन ON/OFF लागू किया गया था, इसे दोबारा लागू नहीं किया जाना चाहिए।
– **मुंबई ऑफशोर में स्पीड बोट से क्रू परिवर्तन** – यह तरीका कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण है।
– **ऑफशोर/ऑनशोर साइटों पर सुरक्षा उल्लंघन और दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग में कमी** – सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर्मचारियों के जीवन को खतरे में डाल रही है।
– **ONGC ऑफिसर्स एसोसिएशन (OOA) की मान्यता** – OOA को एकमात्र कार्यकारी ट्रेड यूनियन होने के बावजूद मान्यता नहीं दी जा रही है। इसे शीघ्र मान्यता दी जाए।
– **चिकित्सा प्रतिपूर्ति और सेवानिवृत्ति के बाद की चिकित्सा सुविधाएं** – हालिया नीतिगत बदलावों से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
– **नौकरी रोटेशन और ट्रांसफर नीति (2024 से लागू)** – इसे निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए पुनः समीक्षा की आवश्यकता है।
– **25.02.2025 के कार्यालय आदेश की समीक्षा** – ऑनशोर परिसंपत्तियों में इंस्टॉलेशन मैनेजर के लिए 14 दिन ON/OFF ड्यूटी पैटर्न समाप्त करने के आदेश की समीक्षा की जानी चाहिए।
– **कर्मचारी लाभ व्यय में कमी और PRP II (35%) का भुगतान** – ONGC ने ₹40,526 करोड़ का रिकॉर्ड लाभ अर्जित किया, जिससे वित्तीय मजबूती स्पष्ट होती है।
– **नियुक्ति और रिक्तियों की भरपाई** – ONGC में स्थायी कर्मचारियों की भर्ती और लंबित रिक्तियों को जल्द भरा जाए।
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