“डीबीएस कालेज में एक दिवसीय रक्तदान शिविर में 109 छात्र छात्राओं ने किया रक्तदान”
देहरादून, डीबीएस (पीजी) कालेज के राष्ट्रीय सेवा योजना तथा रेड रिबन क्लब द्वारा एक दिवसीय रक्तदान शिविर एवं विशेष अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में किया गया, रक्तदान शिविर में कुल 109 छात्र छात्राओं ने रक्तदान किया। इस अवसर पर विशेष अवॉर्ड सेरेमनी के तहत् रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा यूथ रेडक्रास कमेटी दून को रिकॉर्ड 155 बार रक्तदान करने हेतु “डीबीएस कॉलेज सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन अवॉर्ड -2025” से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. ए एस उनियाल संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, उत्तराखंड सरकार, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अनिल पाल प्राचार्य डीबीएस कालेज, नगर निगम पार्षद योगेश घाघट, एनएसएस अधिकारियों डॉ. बिद्युत बोस, डॉ. आराधना शर्मा व डॉ. शैली, रेड रिबन क्लब प्रभारी डॉ. सोनू द्विवेदी , राजकीय दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक अधिकारी डॉ. अंजुम निशान, एनएसएस कमांडर अभय चौहान, पूर्व कमांडर हर्षल दीप सिंह व दीपांशु कोठारी द्वारा अनिल वर्मा “डीबीएस कालेज कालेज सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन अवॉर्ड -2025 , शील्ड ऑफ अवॉर्ड और पुष्प गुच्छ आदि भेंट किए।
इससे पूर्व मुख्य अतिथि डॉ. ए एस उनियाल संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड , अति विशिष्ट अतिथि रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा राष्ट्रीय सचिव फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर आर्गेनाइजेशंस ऑफ़ इण्डिया , एनएसएस अधिकारी डॉ. बिद्युत बोस, रेड रिबन क्लब प्रभारी डॉ. सोनू द्विवेदी, ब्लड बैंक अधिकारी डॉ. अंजुम निशान, वीरा फाऊंडेशन के विनोद डोभाल व रितु डोभाल ने फीता काटकर रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ. उनियाल ने कहा कि रक्तदान जीवनदान का ही पर्याय है। प्रत्येक 18-65 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। जिससे कम से कम तीन व्यक्तियों की जान बचती है। उन्होंने रक्तदाताओं के पांच प्रकारों का विस्तृत उल्लेख करते हुए रेगुलर ब्लड डोनर को सर्वश्रेष्ठ रक्तदाता बताया।
155 बार रक्तदान कर चुके रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा , यूथ रेडक्रास कमेटी ने बतौर रक्तदाता प्रेरक छात्र – छात्राओं को रक्तदान करने के प्रति समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दरकिनार करते हुए रक्तदान करने से स्वयं रक्तदाता को ही होने वाले अनेक फायदे गिनाए।
उन्होंने बताया कि नियमित रूप से हर तीन महीने में रक्तदान करते रहने से 90 प्रतिशत हार्ट अटैक पड़ने तथा 85 प्रतिशत कैंसर होने की संभावना नहीं रहती। एक बार रक्तदान करने से शरीर से 600 कैलोरी खर्च होती है जिससे चर्बी पिघलने से मोटापा नहीं आता। शरीर छरहरा व ऊर्जावान होकर उत्साह से भरा रहता है। बोन मैरो एक्टिवेट होने से नया रक्त बनता है। साथ ही शरीर में आयरन लेवल , शुगर कोलेस्ट्रॉल तथा हाई बीपी कंट्रोल में रहता है। अवार्डी श्री वर्मा ने उन्हें सम्मानित करने के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनिल पाल, एनएसएस के सीनियर प्रोगाम ऑफीसर डॉ. विद्युत बोस, रेड रिबन प्रभारी डॉ. सोनू द्विवेदी ,गवर्नमेंट दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंजुम निशान, एल जी इलेक्ट्रॉनिक्स, सक्षम भारती फाऊंडेशन तथा वीरा फाऊंडेशन (वालंटियर सोसायटी फॉर एन्टरप्रोन्योर एजुकेशन एंड रूरल एक्शन) के विनोद डोभाल एवं रितु डोभाल का हृदय से आभार व्यक्त किया।
शिविर संयोजन में डीबीएस काॅलेज के प्रोफेसर डॉ. विद्युत बोस, डॉ. सोनू द्विवेदी, डॉ. अटल बिहारी बाजपेई, डॉ. पारितोष सिंह, डॉ. जे पी गुप्ता, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. कमल बिष्ट, डॉ. दीपक भट्ट, डॉ.आराधना शर्मा, डॉ. शैली, डॉ. राधेश्याम, डॉ. अजय श्रीवास्तव, डॉ. प्रतिमा वर्मा, डॉ. अंशिका चंद्रा, डॉ. संजय राणा, डॉ. विपिन चनालिया, डॉ. देवदत्त,डॉ. अमित चौहान, डॉ. विंदेश द्विवेदी, डॉ. सौरभ श्रीवास्तव , ऑफिस सुपरिटेंडेंट राम सुभाग, कार्यालय अधिकारी ममता जोशी बहुगुणा सम्मिलित थे l
शिविर संचालन में दून मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की कोआर्डिनेटर अनिता सकलानी,
सीनियर टैक्नीशियन जितेंद्र, एनएसएस के सीनियर लीडर्स हर्षल दीप सिंह, शरद कुमार, प्रदीप सिंह, अमन रतूड़ी, संजना सिंह, आएशा राणा, दीपिका कोठारी, कनिका, भारती सिंह, कु. साक्षी ने विशेष योगदान किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डॉ.)अनिल पाल तथा धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस कमांडर अभय चौहान ने किया।
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