नई दिल्ली, पॉलिसी टाइम्स ने आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और असम, केरल तथा पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के सहयोग से द्वितीय इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन 28 फरवरी को किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व [एक्सटेंडेड प्रोडूसर रिस्पांसिबिलिटी (ईपीआर)] के माध्यम से भारत की मटीरियल सर्क्युलैरिटी यात्रा पर चर्चा को आगे बढ़ाना था। यह सम्मेलन नई दिल्ली स्थित आईआईसी एनेक्से मे आयोजित हुआ, जिसमें उद्योग जगत के प्रमुख नेता, नीति निर्माता और सतत विकास विशेषज्ञ शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘ सर्कुलैरिटी एक्सीलेंस अवार्ड 2025’ रहा, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन, पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग), और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद नवाचार में बेहतरीन कार्य कर रहे लीडर्स को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. अरूप कुमार मिश्रा (अध्यक्ष, असम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), इंजी. श्रीकला एस. (अध्यक्ष, केरल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), डॉ. जयंती मुरली (अध्यक्ष, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), और प्रो. आदर्श पाल विग (अध्यक्ष, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) सहित अन्य प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।
इंडिया सर्कुलैरिटी कॉन्क्लेव 2025 के प्रमुख उद्देश्य:
राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत ईपीआर नीति ढांचे की स्थापना, भारत की पुनर्चक्रण क्षमता को बढ़ाना, नवाचार और तकनीक को अपनाना, क्षमता निर्माण और कौशल विकास को प्रोत्साहित करना
भारत हर वर्ष लगभग 1.50 करोड़ टन ई-कचरा और प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है, जिससे प्रभावी पुनर्चक्रण और सतत अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता अत्यधिक बढ़ गई है। 2050 तक, भारत की सर्क्युलर अर्थव्यवस्था का बाजार मूल्य 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे 1 करोड़ नए रोजगार सृजित होंगे। हालांकि, वर्तमान में ईपीआर नीतियां कुल अपशिष्ट का केवल 10-15% कवर करती हैं, जिससे नवाचार और नियामक सुधारों की बड़ी संभावना बनती है।
अधिकांश वक्ताओं द्वारा जिन रणनीतियों पर जोर दिया गया, उनमें सर्क्युलैरिटी के लिए उत्पादों को फिर से डिजाइन करना, उन्नत रीसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश, आपूर्ति श्रृंखला सहयोग को मजबूत करना और व्यवहार परिवर्तन लाने के लिए उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना शामिल था। चर्चा किए गए अन्य प्रमुख विषयों में सर्क्युलर अर्थव्यवस्था की तात्कालिकता, रीसाइक्लिंग उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग की आवश्यकता, नीति नवाचार को बढ़ावा देना, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को बदलने के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना, समुद्री प्रदूषण से निपटने के प्रयासों को बढ़ाना और अनौपचारिक क्षेत्र के लोगों, जैसे कि कूड़ा बीनने वालों को सशक्त बनाने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करना, और समुदाय-आधारित सर्क्युलर प्रथाओं को बढ़ाना शामिल था।
सर्क्युलर अर्थव्यवस्था पहलों के महत्व पर बोलते हुए, आरएलजी सिस्टम्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक, सुश्री राधिका कालिया ने कहा:
“एक मजबूत ईपीआर नीति ढांचा भारत के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। ‘इंडिया सर्क्युलैरिटी कॉन्क्लेव 2025’ जैसे आयोजन इस चर्चा को आगे बढ़ाने और मटीरियल सर्क्युलैरिटी को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सिफारिशें, कार्य योजनाएं और औद्योगिक साझेदारियों का निर्माण करने में मदद करते हैं। मैं इस महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा बनने के लिए सभी उद्योग हितधारकों, मीडिया प्रतिनिधियों, और नीति निर्माताओं को धन्यवाद देती हूं। मुझे विश्वास है कि ईमानदारी से किए गए प्रयासों और उद्देश्य की एकनिष्ठता के माध्यम से, हम सस्टेनेबल व्यावसायिक और सामाजिक प्रथाओं के युग की शुरुआत करने में सक्षम होंगे।
Recent Comments