Sunday, December 22, 2024
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शीतकालीन चारधाम यात्रा कर पुण्य के भागी बने श्रद्धालु- शंकराचार्य

रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- शीतकाल में चार धामों के दर्शन कर पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है। सनातन धर्मावल्बियों को बढ़ चढ़ कर शीतकाल में चार धाम दर्शनों को आना चाहिये। शीतकाल में पहाड़ का मौसम भी अनुकूल रहता है व शीतकालीन गद्धीस्थलों में विधिवत पूजा अर्चना कर पुण्य अर्जित करने का अवसर मिलता है।
यह बात आज चार धाम शीत कालीन यात्रा पर आये ज्योर्तिपीठाधीश्वर स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद सरस्वती महराज ने रुद्रप्रयाग में पत्रकार वार्ता में कही।
उन्होने कहा उत्तराखण्ड देवी देवताओं की पवित्र भूमि है यहाँ के मठ मंदिरों में पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालु पूण्य के भागी होते है। उन्होने कहा कि लोगों में भ्रान्ति थी कि ग्रीष्मकाल में ही चारधामों के कपाट खुलते है, श्रद्धालु शीतकालीन गद्धी स्थलों की महिमा व वहाँ पूजा अर्चना के पूण्य फल से अनभिज्ञ थे यही कारण है कि उन्होने शीतकालीन यात्रा को बढावा देने की बात कही व स्वयं चार धामों की शीत कालीन यात्रा पर निकले है। उन्होने कहा कि शीतकाल में देव भूमि में मौसम अत्यन्त सुहावना होता है , श्रद्धालु यहाँ आकर धामों के दर्शन कर पर्यटन का आंनद भी ले सकते है।
उन्होने कहा कि शीतकालीन यात्रा का प्रचार प्रसार धार्मिक रूप से यात्रा की व्यवस्थाएं करना संबंधित मंदिर समिति, हक-हकूकधारी, वेदपाठी, स्थानीय पुरोहितों और धर्मावल्बियों का काम है, जबकि अन्य सभी व्यवस्थाएं करना सरकार और प्रशासन का काम हैं। सभी के प्रयासों से शीतकालीन यात्रा बेहतर संचालित होगी।
इससे पूर्व आज रुद्रप्रयाग पहुँचने पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महराज का स्थानीय जनता ने पुष्प वर्षा कर भब्य स्वागत किया, गुलाबराय मैदान के पास स्थित हनुमान मंदिर में पहुँचकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्लती महराज ने पूजा की व सनातन धर्मावलम्बियों से सनतान धर्म, गौ रक्षा , गंगा स्वच्छता के लिये बढ़ चढ़ कर भागीदारी करने का आवाह्न किया। इस अवसर पर चारधाम महापंचायत के सचिव डा. बृजेश सती, पूर्व नगर पालिक अध्यक्ष राकेश नौटियाल, रेखा सेमवाल, वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल सुंदरियाल, शकुंतला नौटियाल, यमुनोत्री के रावल अनिरुद्ध उनियाल, ब्रह्मकपाल तीर्थपुरोहित के अध्यक्ष उमेश सती, ब्रह्मचारी मुकुदानंद, भगवाताचार्य रोहित गोपाल, योगेश्वर खंडूरी, सहित सैकडो की संख्या मे नगर छैत्र के श्रद्धालु मौजूद थे।

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