Wednesday, December 18, 2024
HomeTrending Nowएक माह के लिए नशामुक्त अभियान का होगा संचालन : सेठ

एक माह के लिए नशामुक्त अभियान का होगा संचालन : सेठ

देहरादून, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक माह का नशामुक्त अभियान’ संचालित किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ के निर्देशन में एनडीपीएस मादक पदार्थों की रोकथाम के ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025’ मिशन के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 16 दिसंबर 2024 से शुरू हो चुका है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों में संलिप्त बड़े पेशेवर अपराधियों, तस्करों, किंगपिन और व्यवसायिक स्तर पर सक्रिय बड़े तस्करों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करना तथा नशा उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाना है। नशामुक्त अभियान की सफलता सुनिश्चित करने हेतु पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त जनपद प्रभारियों को निम्न दिशा—निर्देश दिये गये हैं कि विगत में पंजीकृत अपराधों में प्रकाश में आये तथा गिरफ्तार हुए अपराधियों की सूची बनाकर, विशेषकर पेशेवर, व्यवसायिक मात्रा वाले अपराधियों, किंग—पिन जैसे बड़े अपराधियों को चिन्हित कर उनकी वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापन किया जाये साथ ही इन अपराधियों के डोजियर बनाकर उनकी ट्रैकिंग की जाये तथा अभियान में निश्चित व बड़ी कार्यवाही करने हेतु एक टारगेट निर्धारित किया जाये। इसके साथ ही एनडीपीएस एक्ट से सम्बन्धित अपराधों में संलिप्त अपराधियों/ गैंगस्टर्स के डोजियर जनपद स्तर पर तैयार किये जायें, जिसका परिक्षेत्र स्तर पर समन्वय कर कार्यवाही की जाये। वर्तमान में मादक पदार्थ की तस्करी ऑनलाईन प्लेटफार्म के माध्यम से किये जाने हेतु साईबर अपराध की दृष्टि से उचित निगरानी / सतर्क दृष्टि रखने के लिए एएनटीएफ की सहायता हेतु जनपद में स्थापित साईबर सेल में नियुक्त पुलिस अधिकारी / कर्मचारियों को लगाया जाये। अभियान में विभिन्न राज्य / केन्द्रीय एजेन्सियों, यथा—केन्द्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, क्षेत्रीय स्वापक नियन्त्रण ब्यूरो, सीमा शुल्क कार्यालय, आसूचना ब्यूरो, आबकारी विभाग, औषधि नियन्त्रण विभाग से समन्वय किया जाये। सीमावर्ती राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर नशे के बड़े कारोबार में संलिप्त गैंग की ठोस अभिसूचना संकलित करते हुए गैंगों का समूल उन्मूलन किया जाये। राज्य में एनडीपीएस एक्ट के मामलों की सभी जांचों में टॉप—डाउन और बॉटम अपष् दृष्टिकोण से सभी श्रोतों का विस्तृत अन्वेषण किया जाये, इसमें मुख्य अभियुक्त एवं उसके नेटवर्क आदि का पता लगाकर हर सम्भव प्रयास कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाये।ड्रग जागरूकता अभियान चलाकर जागरूकता सम्बन्धी स्टीकर / पोस्टर तैयार कर जनपदों में सार्वजनिक स्थानों / वाहनों पर चस्पा / प्रदर्शित करने हेतु वितरित किये जाये। नशा करने वालों का रजिस्टर बनाया जाये तथा थाने में एएनटीएफ सेल द्वारा उनकी ट्रैकिंग कर उनको उनको नशामुक्त केन्द्र में भर्ती करायें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments