Wednesday, December 18, 2024
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आयुर्वेद महाकुंभ ने दी विश्व को नई शक्ति – राज्यपाल

Dehradun,  उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( सेवानिवृत्त ) गुरमीत सिंह ने आज यहां देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित चार दिवसीय आयुर्वेद सम्मेलन में कहा कि आयुर्वेद महाकुंभ ने विश्व को नई शक्ति दी है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और टेलीमेडिसिन जैसी उभरती आधुनिक वैज्ञानिक प्रौद्योगिकीयो का उपयोग आयुर्वेद को और अधिक बढ़ावा देने के लिए किया गया जो पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली और अत्याधुनिक चिकित्सा प्रणाली के संगम को दर्शाता है।

राज्यपाल महोदय ने कहा कि यह कांग्रेस औषधीय पौधों, नवोन्मेषी उपचारों, वेलनेस उत्पादों और उन्नत अनुसंधान से जुड़े आयुर्वेद की समृद्ध विरासत की एक बेहतरीन प्रदर्शनी रही है जिसमें व्यावसायियों, उद्यमियों और चिकित्सकों को आपस में सहयोग करने और आयुर्वेद को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने के लिए एक मंच का काम किया है।

राज्यपाल महोदय ने बहुत गर्मजोशी के साथ उपस्थित लोगों और खासकर युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ कि आधुनिक विज्ञान और राज्य स्वास्थ्य सेक्टर के लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में भागीदारी की। उन्होंने खासकर उन पहलों को देखकर काफी प्रसन्नता जताई जिनका लक्ष्य युवा पीढ़ी के लिए आयुर्वेद को सुलभ बनाना है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को इसके लिए प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे गर्व और प्रयोजन के साथ इस प्राचीन परंपरा को और आगे बढ़ाएं। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संगठनों से बेहतरीन प्रशिक्षण संस्थानों का निर्माण करने और विभिन्न संबंधित विषयों को बढ़ावा देने और आयुर्वेद में उल्लेखनीय शोध में सहायता करने की अपील की। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि इस विधा में 4000 से अधिक शोधपत्रों को तैयार किया गया जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने आयुर्वेद के ज्ञान को प्रचारित-प्रसारित करने, इसका ज्ञान आगे आने वाली पीढ़ी को हस्तांतरित करने और इस ज्ञान में मूल्य वर्धन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सम्मेलन भर नहीं रहा बल्कि स्वास्थ्य और वेलनेस के खूबसूरत युग की दिशा में एक रूपांतरकारी यात्रा रही है जिसने जीवन जीने के विजन को एक नई प्रेरणा दी है।

राज्यपाल ने इस सम्मेलन के दौरान आयुर्वेद के क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ किए गए समझौतों ज्ञापनों और की गई नेटवर्किंग पर भी प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के साथ विचारों का आदान प्रदान स्वास्थ्य की वैश्विक प्रणाली के रूप में आयुर्वेद के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद सम्मेलन और एक्सपो में 12,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमें 58 देशों के 352 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि शामिल हैं। सम्मेलन में पूर्ण सत्रों के अतिरिक्त 150 वैज्ञानिक सत्र और 11 एसोसिएट सत्र शामिल रहे। आरोग्य एक्सपो में 1.2 लाख से भी अधिक लोगों ने भाग लिया।

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