Thursday, December 12, 2024
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विश्व आयुर्वेद सम्मेलन देहरादून में 12 दिसंबर से शुरू होगा

4 दिवसीय सम्मेलन का मुख्य विषय है: डिजिटल स्वास्थ्य-आयुर्वेद के ज़रिए

देहरादून,  विश्व आयुर्वेद सम्मेलन (WAC 2024) और आरोग्य एक्सपो का 10वां संस्करण 12 दिसंबर से यहां शुरू हो रहा है. यह सम्मेलन मौजूदा दौर में भारत की प्राचीन और असरदार रहने वाली स्वास्थ्य प्रणाली की वैश्विक मंच पर पहचान की दिशा में ठोस कदम का वादा पूरा करती है.

अपने मुख्य विषय, ‘डिजिटल स्वास्थ्य, आयुर्वेद के ज़रिए’ के आधार पर इस चार दिवसीय कार्यक्रम में आयुर्वेद से संबंधित विभिन्न पहलुओं की चर्चा की जाएगी. आयुर्वेद में नए शोध और विकास परियोजनाओं को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जाएगा. साथ ही, मौजूदा दौर की ज़रूरतों के मुताबिक नई तकनीक के इस्तेमाल पर भी बात की जाएगी.

आयुर्वेद चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों और छात्रों के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (WAF) की ओर से होता है. यह विज्ञान भारती की एक पहल है. इस सम्मेलन का आयोजन हर दो साल पर किया जाता है.

इस मेगा-इवेंट का आयोजन आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार और कुछ दूसरी राज्य सरकारों के साथ प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थान और प्रतिष्ठान WAF के साथ मिलकर कर रहे हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘राज्य के लिए WAC 2024 की मेजबानी करना गर्व की बात है.’ कि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही योग और आयुष की भूमि रही है.

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को “प्रज्ञा भूमि” बताते हुए कहा कि इस खूबसूरत प्राकृतिक भूभाग में आयुर्वेद के विकास के कई कारण हैं. “यहां की शुद्ध जलवायु, उर्वर भूमि और औषधीय पौधों की बहुलता इसके प्रमुख कारण हैं. ऋषियों ने यहां आयुर्वेद से जुड़े गहन शोध और प्रयोग किए हैं,” उन्होंने कहा.

विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ. शेखर मांडे ने कहा कि ‘डिजिटल स्वास्थ्य’ शब्द का अर्थ काफ़ी विस्तृत है. यह शब्द एक साथ कई दृष्टिकोण को बताता है. इसमें टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य सेवा को एक साथ जोड़कर काम करने का नज़रिया है.

डॉ. मांडे ने कहा कि डिजिटल हेल्थ प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में किया जा सकता है. बच्चों के लिए स्वास्थ्य, जराचिकित्सा, महामारी और वैश्विक महामारी जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में स्वास्थ्य समस्याओं में समाधान देने में बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम है.

उन्होंने आगे कहा, ‘WAC का यह संस्करण नई तकनीक का इस्तेमाल बेहतर तरीकों के लिए कैसे हो सकता है, इस पर खास तौर पर विचार किया जाएगा. इसके लिए AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), AR (संवर्धित वास्तविकता) और ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल आयुर्वेद के अलग-अलग क्षेत्रों में इस्तेमाल करने के लिए किया जा सकता है.’

इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत से 5,500 से ज़्यादा प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन किया है. इसमें 54 देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

इस कार्यक्रम में 150 से अधिक तकनीकी सत्रों के साथ-साथ पैनल चर्चा होगी. इसके अलावा, 13 कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम भी होंगे. वैज्ञानिक सत्र, एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा, स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन, निवेशकों की बैठक भी इस दौरान होगी. गुरु-शिष्य भेंट और मेडिकल पेशे से जुड़े प्रतिनिधियों के लिए कॉनक्लेव का आयोजन होगा. सैटेलाइट सेमिनार का भी आयोजन होगा. ये सभी कार्यक्रम प्रतिनिधियों और शामिल होने वाले अतिथियों को लगातार व्यस्त रखेंगे. सम्मेलन में इस पर भी चर्चा होगी कि आयुर्वेद किस तरह से अलग-अलग स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों के बीच समाधान दे सकता है.

इस कार्यक्रम के आयोजन में मेजबान राज्य उत्तराखंड के अलावा गुजरात, गोवा, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारें भी भागीदार राज्यों तौर पर हिस्सा ले रही हैं.

सम्मेलन में आयुर्वेद के प्रतिष्ठित संस्थान संरक्षक के तौर पर सहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा, देश भर के विश्वविद्यालय सहयोगी के रूप में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं.

आरोग्य एक्सपो में भारत और विदेशों के प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थानों के उत्पादों और सेवाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इसमें 350 से ज़्यादा स्टॉल पर 150,000 लागों के आने की उम्मीद की जा रही है.

श्री धामी के अलावा, आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव गणपतराव जाधव, आयुष मंत्रालय के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा, WAF के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. जयप्रकाश नारायण और WAC की राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष और एवीएस कोट्टक्कल के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. पीएम वारियर अलग-अलग सत्रों को संबोधित करेंगे.

WAF विज्ञान भारती की एक पहल है जिसकी स्थापना साल 2011 में की गई थी. इसका उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर पहुंचाना है. साथ ही, इससे जुड़े सभी हितधारकों के सभी वर्गों से सहयोग हासिल करना भी है.WAC का पिछला संस्करण साल 2022 में गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित किया गया था.

WAC के पिछले संस्करणों के मुख्य विषय आयुर्वेद और विश्व स्वास्थ्य, आयुर्वेद का वैश्वविक विस्तार, आयुर्वेद को मुख्यधारा में लाना, सबके लिए आयुर्वेद, आयुर्वेद के ज़रिए सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर करना, आयुर्वेद पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना, स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना और स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद थे.

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