Thursday, October 24, 2024
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जिप्ती- गाला मोटर मार्ग का करो डामरीकरण, 20 सालों से लटका है मरम्मत तथा डामरीकरण

-15 दिन में हल नहीं निकला तो होगी महापंचायत

-7 किमी पैदल चलने को विवश 1559 की आबादी

पिथौरागढ़ (धारचूला), जिप्ती- गाला मोटर मार्ग के सुधारीकरण तथा डामरीकरण की मांग को लेकर गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने उप जिलाधिकारी मनजीत सिंह से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन की लापरवाही के कारण दो ग्राम पंचायतों के 1559 की आबादी को सड़क होने के बावजूद भी यातायात सुविधा का नियमित लाभ नहीं मिल पा रहा है। उप जिलाधिकारी ने सीमा सड़क संगठन के ऑफिसर कमांडेंट से टेलीफोन पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि इस समस्या का शीघ्र ही हल निकाला जाएगा।
जिप्ती से गाला तक बने 7 किलोमीटर मोटर मार्ग को सीमा सड़क संगठन के द्वारा बनाया गया है। आज भी इस मोटर मार्ग की जिम्मेदारी इसी संगठन के पास है। संगठन की ओर से मामूली मरमत का कार्य तो किया जाता है, लेकिन सड़क जिन जिन स्थानों पर जर्जर हो गया है, उन स्थानों पर स्थाई मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है। मोटर मार्ग का डामरीकरण नहीं होने के कारण पब्लिक वाहन इस मार्ग में जाने से कतराते है।
इस कारण ग्राम पंचायत बुंग-बुंग तथा जिप्ती गाला के नागरिकों को मोटर मार्गीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई बार ग्रामीणों को सड़क होने के बाद भी 7 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया, पूर्व ग्राम प्रधान कुंदन सिंह भंडारी, देवी दत्त उपाध्याय तथा छिपला केदार टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष केसर सिंह धामी ने आज उप जिलाधिकारी मनजीत सिंह को एक ज्ञापन सौपा।
उन्होंने कहा कि इस सड़क की मरम्मत तथा डामरीकरण के कार्य का इंतजार 20 वर्षों से स्थानीय जनता कर रही है।
उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन के अपने बहाने है। सीमा सड़क संगठन इस सड़क का कार्य करें या इस सड़क को अब छोड़ दे ताकि राज्य सरकार की कोई एजेंसी इस सड़क को कम से कम यातायात के लायक बना सके।
उप जिलाधिकारी मनजीत सिंह ने आश्वासन दिया कि सीमा सड़क संगठन से बातचीत हुई है। आगे भारतीय सेना तथा पैरामिलिट्री से भी बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप जाएगी और इस मामले में शीघ्र ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि 15 दिन के भीतर प्रशासन द्वारा फैसला नहीं लिया गया तो दोनों ग्राम पंचायतों की आम जनता की एक महापंचायत बुलाई जाएगी। इस महापंचायत में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

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