Tuesday, December 24, 2024
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डम्पिंग जोन हेतु भूमि तलाशने के लिए सीएस ने दिया एक सप्ताह का समय

देहरादून, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने सभी जिलाधिकारियों को डम्पिंग जोन के लिए भूमि तलाशने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। प्रदेश. में मानसून के दौरान हुए भूस्खलन या राष्ट्रीय राजमार्गाे के निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के सुव्यवस्थित निस्तारण हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु भूमि चिहिन्त कर प्रस्ताव शासन को भेजने हेतु एक सप्ताह की समयसीमा दी है।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को डम्पिंग स्थलों हेतु राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्राथमिकता से राजस्व भूमि चिहिन्त करने तथा राजस्व भूमि की अनुपलब्धता की दशा में वन भूमि को चिहिन्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने डम्पिंग से सम्बन्धित एजेंसियों को निर्धारित मक डम्पिंग जोन में ही मलबे के निस्तारण के नियमों को सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने नियमों की अवहेलना करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग, बीआरओ तथा एनएचआईडीसीएल के अधीन विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गाे में निर्माण के दौरान उत्सर्जित मलबे के निस्तारण हेतु पूर्व में चिन्हित मक डम्पिंग जोन के संतृप्त होने की दशा में उनके विस्तार की संभावनाओं के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संतृप्त डम्पिंग जोन को कम्प्रेस करने की संभावनाओं पर कार्य करने निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव पंकज कुमार पाण्डेय सहित लोक निर्माण विभाग, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, टिहरी मौजूद रहे।

 

 

शहरी विकास मंत्री ने ली पीएम आवास योजना की समीक्षा बैठकशहरी विकास मंत्री की समीक्षा बैठक : प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की  प्रगति और भविष्य की योजनाएँ... | Devbhoomi Media

देहरादून, शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने सोमवार को विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की समीक्षा बैठक की।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मार्च 2022 से शुरू हो पाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बीएलसी के माध्यम से 36 परियोजनाओं पर कार्य गतिमान है जिसमें लगभग 25 हजार 972 स्वीकृत आवास में से लगभग 12 हजार 144 आवास पूर्ण हो चुके हैं तथा लगभग 11 हजार 962 आवास निर्माणाधीन हैं।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ईएचपी के माध्यम से 20 परियोजनाएं संचालित हैं जिसके अन्तर्गत लगभग 15 हजार 960 आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमें लगभग 14 हजार 248 आवास निर्माणाधीन हैं जबकि लगभग 1696 आवास पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2024 तक अवशेष कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे।
मंत्री ने कहा कि हमारा मकसद है कि हर गरीब को छत मुहैया करायी जाए तथा लाभार्थी को ससमय इसका लाभ मिले इसके लिए हमारा विभाग प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 के बाद से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों में तेजी आयी है।
मंत्री ने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 03 करोड़ मकानों की स्वीकृति देशभर में दी गई है जिनमें से 01 करोड़ मकान शहरी क्षेत्रों के लिए उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के कार्य 2024 से 2029 तक किये जायेंगे जिसमें विभाग द्वारा एमओयू किया कर कार्ययोजना तैयार की गयी है तथा बहुत जल्द प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 पर कार्य शुरू किया जायेगा।

इस अवसर पर बैठक में सचिव शहरी विकास, नितेश कुमार झा, अपर सचिव/निदेशक शहरी विकास, नितिन भदौरिया, सं.मु.प्र., उत्तराखण्ड आवास विकास परिषद, पीसी दुम्का एवं अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

 

कुमार विजय की पुस्तक ‘यादें’ का हुआ विमोचन, काव्य गोष्ठी में कवियों ने बिखेरा जलवा

“पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रख्यात शायर अफ़ज़ल मंगलौरी, प्रयाग आईएएस एकेडमी के डायरेक्टर आरए खान ने किया काव्य संग्रह ‘यादें’ का विमोचन”

देहरादून, क़लम साधना फाउंडेशन की ओर से राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में युवा कवि और डिप्टी कमिश्नर कुमार विजय द्रोण के काव्य संग्रह ‘यादें’ का विमोचन किया गया। पूर्व डीजीपी अशोक कुमार, उनकी पत्नी अलकनंदा अशोक, प्रयाग आईएएस एकेडमी के डायरेक्टर आरए खान और प्रख्यात शायर अफ़ज़ल मंगलौरी ने किया। रविवार को आयोजित इस काव्य गोष्ठी में कवियों और शायरों ने बेहतरीन रचनाएओं से समां बांध दिया।
उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक व हरियाणा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अशोक कुमार ने कुमार विजय की कविताओं पर चर्चा करते हुए कहा कि वह आशावादी कवि हैं। उनकी रचनाओं में कहीं भी निराशा नहीं झलकती है। उन्होंने अपनी एक कविता सुनाते हुए कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले जनता की सेवा के लिए हैं। जन सेवा को समझना होगा। हम सेवक नहीं साहब बन कर रहते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रयाग आईएएस अकादमी के निदेशक आरए खान ने सभी कवियों को बधाई दी।
विमोचन समारोह के बाद आयोजित गरिमामय काव्य गोष्ठी में कवियों व शायरों ने अपने क़लाम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि कुमार विजय ‘द्रोणी’ ने गीत ‘बीत गया जो पल जीवन का कहां लौटकर आता है। रोज़ बदलते इस जीवन के यादें बन उड़ जाता है।।’ सुनाकर तालियां बटोरी। वरिष्ठ कवयित्री अरुणा वशिष्ठ ने कई कविता सुनाई। उनकी कविता “ए जिन्दगी तू सबको सबक सिखाती हैं” को खूब सराहा गया। महेंद्र कुमार ने गीत
अपनी है ये धरती अपना है अपना ये गगन।
ये सिंधू पर्वत अपने है अपना ये वतन।। सुनाया, जिसे खूब सराहा गया। इस मौके पर धनंजय उपाध्याय रहबर ने ग़ज़ल
नैन से नैन लड़ाते लोग।
दिल को हैं सुलगात।।
बेटी हो तो छाती पीटें।
बहु को दें नजराने लोग।। सुनाकर सबकी तालियां बटोरी। उत्तराखंड के जाने माने शायर दर्द गढ़वाली ने अपनी ग़ज़ल
अंधे बहरे गूंगे लोग।
निकले कितने सस्ते लोग।।
सब से झुक कर मिलते थे।
कितने थे वह ऊंचे लोग।।
मंजिल तक पहुंचाने को।
बन जाते थें रस्ते लोग।। सुनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया। मोनिका मंत्र ने तरन्नुम में ग़ज़ल
मेरी किस्मत में तेरा साथ अगर हो जाए।
ज़िंदगी का मेरा आसान सफ़र हो जाए।। सुनाकर महफ़िल लूट ली। शायर अफ़ज़ल मंगलौरी ने पूर्व पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की शान में ग़ज़ल
‘भारत का अभिमान अशोक।
उत्तराखंड की शान अशोक।।
गर्व से मानवता भी कहे।
ख़ाकी में इंसान अशोक।।’ पढ़कर गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया और प्रमोद भारतीय के साथ कार्यक्रम का प्रभावी संचालन किया। इस मौके पर इस मौके पर रियाज सिद्दीकी, शमीम अंसारी, अजय शर्मा, शाहनज़र, वैभव दुबे आदि उपस्थित रहे।

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