हिन्दी साहित्य समिति ने हिन्दी भवन में आयोजित किया हिन्दी दिवस कार्यक्रम
-डा. राकेश बलूनी की पुस्तक ‘कुछ राहें कुछ मंज़िलें’ का भी हुआ विमोचन
देहरादून, हिन्दी महज एक भाषा नहीं, एक भावना, एक संस्कृति और एक धरोहर है यह विचार हिन्दी दिवस पर पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड़ अनिल रतूड़ी ने व्यक्त किये, हिन्दी साहित्य समिति द्वारा हिन्दी दिवस पर हिन्दी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये अनिल रतूड़ी ने कहा कि यह दिन हमें हिन्दी भाषा के महत्व और इसकी समृद्ध विरासत की याद दिलाता है, उन्होंने कहा कि हिन्दी न केवल साहित्यिक क्षेत्र में, बल्कि पत्रकारिता, सिनेमा, अनुवाद, प्रशासन और तकनीकी क्षेत्रों म भी रोजगार के अनेकों मौके देती है, ये वो भाषा है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज की आधुनिक तकनीकी दुनिया तक, हर दौर में हमारी अभिव्यक्ति को सशक्त किया है l
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर तथा आरती झा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना के साथ किया गया। इस मौके पर उपस्थित अतिथियों का फूल मालाओं से स्वागत करते हुए उन्हें सम्मान स्वरूप शाल भेंट की गई।
कार्यक्रम में आये अन्य वक्ताओं द्वारा हिन्दी की वर्तमान स्थिति पर असन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा की हो रही दुर्दशा को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे और हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग पर बल देना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी साहित्य समिति के अध्यक्ष डा. रामविनय सिंह ने की । इस मौके पर सारस्वत अतिथि डा. सुधारानी पाण्डे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात साहित्यकार असीम शुक्ल व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जयन्ती प्रसाद नौटियाल उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में डा. राकेश बलूनी की पुस्तक ‘कुछ राहें कुछ मंज़िलें’ का विमोचन भी मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया । डा. बलूनी द्वारा लिखित यह यात्रा वृतांत में लेह लद्दाख, पधारो गुजरात, कैंचीधाम और कौसानी और नालन्दा और बोध गया का सचित्र वर्णन समाहित किया गया है ।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि शिवमोहन सिंह ने किया । कार्यक्रम में डा. राकेश बलोनी, उपाध्यक्ष हेमवती नन्दन कुकरेती महामंत्री, वरिष्ठ पत्रकार सोमवारी लाल उनियाल, सोम प्रकाश शर्मा कोषाध्यक्ष हिन्दी साहित्य समिति के साथ ही रजनीश त्रिवेदी, शादाब अली, निशा रस्तोगी, सुभाष भटनागर, अनिल रस्तोगी, नीता कुकरेती, शिवम इत्यादि उपस्थित रहे ।
Recent Comments