देहरादून(दीपिका गौड़), सुर लहरों संगीत संरचना द्वारा कत्थक नृत्य कार्यशाला का शनिवार को समापन कार्यक्रम श्रेष्ठ प्रस्तुतियों के साथ सम्पन्न हुआ। ख्याति प्राप्त कत्थक गुरू पं० दीपक महाराज के निर्देशन में कत्थक नृत्य कार्यशाला अमन्त्रित की गयी। कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त परीक्षार्थियों एवं दिल्ली से आये वरिष्ठ कत्थक गुरूओं ने एक से बढकर एक श्रेष्ठ प्रस्तुतियों से दर्शकों को बार-बार तालियां बजाने को उत्साहित किया।
एक पखवाडे तक चले इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् जगदीश बाबला, कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ कलाकार ज्ञानेन्द्र कुमार, संस्था के अध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य उत्पल सामंत, ख्याति प्राप्त कत्थक गुरू (नृत्य सम्राठ बिजू महाराज के सुपुत्र) पंडित दीपक महाराज द्वारा सामूहिक रूप से माँ सरस्वती, नृत्य सम्राट पंडित विरजू महाराज, कत्थक गुरू मधुकर आनन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
प्रथम सत्र में प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षार्थियों द्वारा कार्यशाला के दौरान तैयार श्रेष्ठ प्रस्तुतियां प्रदर्शित की गयी। सभो प्रशिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गये। द्वितीय सत्र में दिल्ली से गये कत्थक नृत्यांगनाओं सुनैना शर्मा द्वारा ठुमरी सब बना ठन आई श्याम, की शानदार प्रस्तुत दी गयी। शुभम केसरी ने सुन्दर तीन ताल, आमद, थाट, परन आमद की शानदार प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। मोमिता घोष द्वारा अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन के माध्यम से गुरू प्रणाम, पंचम सवारी ताल आदि श्रेष्ठ प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया, आरियब द्वारा शिव वन्दना (कत्थक गुरू मधुकर आनन्द द्वारा रचित) तीन ताल की शानदार प्रस्तुत दी गयी। पं० दीपक महाराज द्वारा नवरस की श्रेष्ठ प्रस्तुति, मयूर की गत, माखन चोरी, उपज, ठुमरी (कान्हा देखों ठाणे हैं, बृज की ओर) आदि श्रेष्ठ प्रस्तुतियों से अपनी कत्थक पकड एवं श्रेष्ठता का आभास कराया, जिसकी सभी लोगों ने खडे होकर करतल ध्वनि से उनका अभिनन्दन किया।
विदित हो कि पं० दीपक महाराज नृत्य सम्राठ बिर्जू महाराज के कुल दीपक होने के साथ-साथ जहां कत्थक नृत्य के श्रेष्ठ गुरु है, वहीं पण्डित जी तबला, गायन, पखावज आदि वाद यन्त्रों पर भी अपनी अच्छी पकड रखते है। आपको इन्द्राप्रिय दर्शनी एवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। अपने संबोधन में पं० दीपक महाराज ने कत्थक की बारीकियों के साथ-साथ नवरसों का श्रेष्ठ प्रदर्शन भी प्रस्तुत कर अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन का परिचय कराया।
कार्यक्रम अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र कुमार ने देहरादून में अपने श्रेष्ठ निर्देशन मे कत्थक में अपना समय देने पर पंडित दीपक महाराज का आभार व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि पर्यावरण विद् जगदीश बाबला ने पं० दीपक महाराज द्वारा कार्यशाला के माध्यम से देहरादून में सप्ताहिक नृत्य प्रशिक्षण प्रारम्भ करने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए नृत्य सम्राट बिरजू महाराज की देहरादून में नृत्य कला आश्रय प्रारम्भ करने की इच्छा पूर्ण करना बताया तथा रिमझिम बरसात में भी पूरे उत्साह के साथ नृत्य प्रस्तुतियां देने पर कत्थक के प्रति सभी ने अति उत्साह को प्रदर्शित करता है, जिसके उपरान्त पं० दीपक महाराज को प्रतीक चिन्ह से भी सम्मानित किया गया।
अंत में संस्थान के अध्यक्ष / प्रधानाचार्य उत्पल सामंत ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में श्रेष्ठ प्रदर्शन/संगत पर पं० मधुरेम भट्ट तबला, सौरभ चौहान गायन एवं दिनेश तुलसी भट्ट सितार को प्रतीक चिन्ह पदान कर सम्मानित किया गया। पं० दीपक महाराज को अपने कीमती समय में से समय निकाल कर कार्याशाला का निर्देशन करने पर शॉल एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सामाजिक न्याय, निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है : दीपा कौशलम
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से भारतीय संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर आज अपराह्न 4ः30 बजे भारतीय संविधान के कुल दस एपिसोड की श्रंखला के पांचवे एपिसोड का प्रदर्शन सभागार में उपस्थित लोगों के मध्य किया गया। ज्ञातव्य है कि इस संविधान धारावाहिक का निर्देशन सुपरिचित फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल द्वारा किया गया है।
सामाजिक न्याय समाज के विविध पहलुओं में निष्पक्षता और समानता पर और महिलाओं के सन्दर्भ में अपनी बात रखते हुए वक्ता के तौर पर महिला अधिकार कार्यकर्ता दीपा कौशलम ने कहा कि सामाजिक न्याय, समाज के कई पहलुओं में निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है। उदाहरण के लिए, यह समान आर्थिक, शैक्षिक और कार्यस्थल के अवसरों को बढ़ावा देता है। यह व्यक्तियों और समुदायों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होनें आगे कहा कि लंदन में मानसिक स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विविधता के एमेरिटस प्रोफेसर दिनेश भुगरा कहते हैं सामाजिक न्याय का उद्देश्य एक ऐसे समाज को बढ़ावा देना है जो न्यायपूर्ण और समतामूलक हो, जिसमें विविधता को महत्व दिया जाए, अपने सभी सदस्यों को उनकी विकलांगता, जातीयता, लिंग, आयु, लैंगिक रुझान या धर्म के बावजूद समान अवसर प्रदान किए जाएं तथा उनके मानवाधिकारों के लिए संसाधनों और समर्थन का उचित आवंटन सुनिश्चित किया जाए। दीपा कौशलम ने जोर देकर कहा कि संसाधनों का पुनर्वितरण, हाशिये पर पड़े समूहों की मान्यता और साथ में व्यक्तियों और समूहों की भागीदारी सामाजिक न्याय के मुख्य तीन आयाम हैं।
जन संवाद समिति के प्रमुख सतीश धौलाखंडी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आगे भी संविधान पर आधारित हर माह दो एपिसोड इसी तरह सिलसिले वार प्रस्तुत किये जा रहे हैं और यह सामान्य जनों के लिए ज्ञानवर्धक व महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में आजादी व संवैधानिक मूल्यों पर जागरूकता लाने हेतु जनगीतों का गायन भी किया गया। पहला जनगीत ’देश मे गर बेटियाँ मायूस हैं नाशाद हैं’ कमला भसीन का दूसरा ’औरतें उठी नहीं तो जुल्म बढता जायेगा’ कमला भसीन का व तीसरा ’ढाई आखर प्रेम का पढने और पढाने आये हैं’ ओम प्रकाश नदीम का लिखा था। इसका गायन सतीश धौलाखंडी और कोरस गायन में साथ धीरज रावत, अनिता नौटियाल, विनीता रितुनजया ,अमित बहुखंडी,सैयद ईखतेदार, गायत्री टम्टा और वी. के. ने दिया।
कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन इप्टा के उत्तराखण्ड अध्यक्ष डॉ. वी. के. डोभाल ने किया।
इस अवसर पर पूर्व प्रमुख सचिव,उत्तराखंड शासन, विभापुरी दास, हरिओम पाली,सुंदर बिष्ट,मेघा विल्सन, मनोज कुमार,हर्षमनी भट्ट, राकेश कुमार , अवतार सिंह,सुरेंद्र सजवाण, जगदीश बाबला, कुलभूषण नैथानी, सहित शहर के अनेक रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, सहित दून पुस्तकालय के कुछ युवा पाठक उपस्थित रहे।
जल संस्थान के 2500 कर्मियों के लिए सरकार कोई रास्ता निकाले : अभिनव थापर
देहरादून, जल संस्थान मुख्यालय पर जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ का धरना प्रदर्शन 26वें दिन कार्मिक अनशन का 20वें दिन भी मुख्य महाप्रबंधक जल भवन नेहरू कॉलोनी में जारी रहा, लेकिन विभाग से अभी तक कई वार्तायें हुई जो की विफल रही, इधर श्रमिक संगठन अपनी एक सूत्रीय मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने एलान किया।
शनिवार को धरने के 26वें दिन उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिनव थापर ने धरना स्थल पहुंच कर अपना समर्थन दिया और कहा कि उत्तराखंड सरकार सिर्फ युवाओं के साथ रोजगार में धोखा कर रही है, विधानसभा बैकडोर भर्ती में अपने रिश्तेदारों को बिना नियम लगा दिया और 20-25 वर्षों से काम कर रहे 2500 से अधिक कर्मचारियों के लिये नियम बनाने में दिक्कत हो रही है। राज्य सरकार को इन कर्मचारियों के शोषण को बंद कर , सरकार पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा अतः इन कर्मचारियों के लिए कोई रास्ता निकालना चाहिए।
पार्षद अमित भंडारी ने कहा कि जल संस्थान कर्मचारियों की मांगों को सरकार को मानना चाहिए व इनको सरकारी स्वीकृत मानदेय मिलना चाहिए। आज धरना प्रदर्शन में बहुत संख्या में उत्तराखंड की विभिन्न जिलों से भारी संख्या में श्रमिक उपस्थित रहे।
धरने में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के साथ पार्षद अमित भंडारी, संघ के अध्यक्ष संजय कुमार, महामंत्री मंगलेश लखेड़ा, बलबीर पायल, प्रवीण बोहरा, चंद्रमोहन खत्री, आशीष द्विवेदी, सुरजीत डोबरियाल, आदि उपस्थित रहे।
महिला सुरक्षा मुद्दे पर सरकार फेल, कांग्रेस ने प्रदर्शन कर फूंका पुतला
देहरादून, इन दिनों पूरे देश में महिलाओं पर किए जाने वाले अत्याचारों को लेकर भारी जनाक्रोश देखा जा रहा है। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद महाराष्ट्र और यूपी ही नहीं उत्तराखंड़ में भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिन्हें लेकर आम जनमानस में भारी नाराजगी है तथा विपक्ष कांग्रेस महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सड़कों पर है।
राजधानी दून से लेकर चमोली, कोटद्वार, अल्मोड़ा तक आज आम जनता और कांग्रेसियों ने सड़कों पर उतरकर धरने प्रदर्शन व सरकार के पुतले फूंके।
राजधानी दून में महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी के नेतृत्व में महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व तमाम नेताओं ने सड़कों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और सरकार का पुतला फूंका। इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह विफल साबित हुई है। उनका कहना है कि उत्तराखण्ड में अंकिता भंडारी हत्याकांड से लेकर आईएसबीटी पर बस में नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा रुद्रपुर में एक महिला नर्स के साथ दुष्कर्म व उसकी हत्या के बाद अब अल्मोड़ा में भाजपा के मंडल अध्यक्ष द्वारा नाबालिक से छेड़छाड़ जैसे अनेक तमाम मामले आए दिन प्रकाश में आ रहे हैं। जो सरकार की असफलता का सबूत है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि महिला अपराधों में वृद्धि इसलिए हो रही है क्योंकि अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है और खुद भाजपा के नेताओं की संलिप्तता इन मामलों में रही है।
उधर कोटद्वार में प्रदर्शन के दौरान बलवीर सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सरकार को इन तमाम मामलों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर आरोपियों को सजा दिलानी चाहिए। उनका कहना है कि सरकार लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने का ढोल पीट रही है लेकिन पहाड़ की बहू—बेटियों को बहला फुसला कर उनकी इज्जत आबरू से अभी भी खिलवाड़ किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पहले भाजपा मुख्यमंत्री बदलने और पेपर लीक मामलों के लिए मशहूर थी अब उसमें महिला अपराध और जुड़ गए हैं। कांग्रेस नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि बेटी बचाओ का नारा छोड़कर वह महिला और बेटियों के लिए जमीन पर उनकी सुरक्षा के लिए काम करके दिखाएं अन्यथा वह और उग्र आंदोलन पर मजबूर होंगे।
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