Sunday, November 24, 2024
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“स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है ” “मूलभूत अधिकार व मूलभूत कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलुओं के समान हैं – अनिल वर्मा

देहरादून, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कार्यरत संस्थान “लर्नेट स्किल्स” के स्टेट एडवाइजर अनिल वर्मा ने कहा स्वतंत्रता कि प्रत्येक नागरिक को अपने मूलभूत अधिकारों के साथ ही मूलभूत कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।ये वास्तव में एक सिक्के के दो पहलुओं के समान हैं।
श्री वर्मा स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर “लर्नेट स्किल्स” के ओल्ड सर्वे रोड स्थित कार्यालय में बतौर मुख्य अतिथि झंडारोहण के उपरांत छात्र -छात्राओं, प्रशिक्षकों , कर्मचारियों एवं अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें स्वतंत्रता बड़ी कुर्बानियों के बाद प्राप्त हुई है।आज भी उस स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सीमाओं पर हमारे नौजवान सैनिकों को बलिदान होना पड़ता है। लोकतंत्र में स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है। परन्तु कुछ लोग स्वतन्त्रता को स्वच्छंदता समझ कर समाज और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हो जाते हैं। चाहे वह बोलने की आजादी ही क्यों न हो हमें देश की सुरक्षा और साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। और सरकार को भी ऐसे देश विरोधी तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने देशभक्तिपूर्ण भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया।
समारोह की विशिष्ट अतिथि व डीएवी (पीजी) कॉलेज विधि विभागाध्यक्ष डॉ० पारूल दीक्षित ने कहा कि महिलाएं राष्ट्रीय प्रगति के हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा , राजनीति, व्यवसाय , प्रशासन या सैन्य सभी क्षेत्रों में उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राष्ट्रीय स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रखना हम सबको नैतिक जिम्मेदारी है। महिलाएं उस सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देती हैं ,जो पुरुष नहीं कर सकते, वह है मातृत्व। अतः महिलाओं को संतान का प्रथम गुरु माना जाता है। उनका कर्तव्य है कि वे हमारे पूर्वजों की परंपरानुसार प्रारम्भ से ही अपने बच्चों को सर्वप्रथम राष्ट्रप्रेम एवं नैतिकता का पाठ पढ़ाएं।
इस अवसर पर छात्र- छात्राओं द्वारा देशभक्ति से प्रेरित इंद्रधनुषी भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ वन्दे मातरम् तथा “हो शुभारंभ – है शुभारंभ” के मधुर गायन से हुआ। तत्पश्चात् आकर्षक परिधान में सजे-धजे छात्र – छात्राओं द्वारा राजस्थानी, गुजराती, नेपाली , हरियाणवी , हिमाचली , जौनसारी , गढ़वाली , कुमाऊंनी , पंजाबी , मराठी व हिंदी भाषाओं में राष्ट्रप्रेम व लोकगीतों पर आधारित प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। दर्शकों की करतल ध्वनि से सभागार गूंज उठा।
संस्थान के नेशनल हैड रमेश पेटवाल के निर्देशन तथा एवं आशीशा ढुंगाना, गुंजन बोरा, नयन पंवार, मोहित वैश, संजीव बिंजोला , पूजा सलेरा, योगेंद्र कुमार,अमन सिंह , मधुकर शर्मा के संयोजन में कु०, स्नेहा, पायल, दिया, रूचि, रंजीता, परविंदर कौर, आदि प्रशिक्षकों एवं छात्राओं का विशेष योगदान रहा।
धन्यवाद ज्ञापन केंद्र प्रबंधक अविनाश देव तथा कार्यक्रम का कुशल संचालन कु० शिवानी सकलानी ने किया। समारोह का समापन मिष्ठान वितरण से हुआ।

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