नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े सदस्यों की संख्या मई में 19.50 लाख बढ़ गई। यह अप्रैल 2018 के बाद की सबसे बड़ी वृद्धि है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2023 की तुलना में इस साल मई में ईपीएफओ से जुडऩे वाले सदस्यों का शुद्ध आंकड़ा 19.62 प्रतिशत अधिक रहा।
ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या में वृद्धि दिखाता है कि देश में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। इसके साथ कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और ईपीएफओ के कार्यक्रम प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंच रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, मई 2024 में ईपीएफओ से 9.85 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। पिछले महीने के मुकाबले इसमें 10.96 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, मई 2023 के मुकाबले 11.5 प्रतिशत नए सदस्य जुड़े हैं।
मई 2024 में जुड़े नए सदस्यों में 58.37 प्रतिशत लोग 18 से 25 आयु वर्ग के हैं। यह दिखाता है कि नए जुड़े सदस्यों में बड़ी संख्या पहली बार नौकरी पाने वालों की है।
पेरोल डेटा दिखाता है कि 14.09 लाख सदस्य पूर्व में ईपीएफओ से एग्जिट करने के बाद दोबारा से जुड़े हैं।
इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाली संस्थाओं में फिर से शामिल हो गए। इन्होंने फाइनल सेटेलमेंट चुनने की जगह अपनी राशि को ट्रांसफर करने का विकल्प चुना।
लिंग के आधार पर देखा जाए तो मई में करीब 2.48 लाख नई महिला सदस्य जुड़ी हैं। इसमें सालाना आधार पर 12.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वहीं, शुद्ध रूप से महिला सदस्यों की संख्या में 3.69 लाख का इजाफा हुआ है। इसमें मई 2023 के मुकाबले 17.24 प्रतिशत की बढ़त हुई है।
पेरोल में सबसे ज्यादा वृद्धि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में हुई है। कुल वृद्धि में इन पांच राज्यों की हिस्सेदारी 58.24 प्रतिशत या 11.36 लाख है। इनमें 18.87 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र शीर्ष पर है।
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