देहरादून(आरएनएस)। ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर दबाव तेज कर दिया है। ऊर्जा निगमों में 2005 से पहले वाले कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज पेंशन बहाली की मांग की। एसोसिएशन के महासचिव राहुल चानना ने कहा कि ऊर्जा निगमों में काम कर रहे सभी बिजली कर्मियों को एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जाए। सभी पर पुरानी पेंशन लागू की जाए। कहा कि राज्य बिजली बोर्ड के विघटन के बाद नए बने ऊर्जा निगमों में भर्ती होने वाले बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली एकतरफा तरीके से समाप्त कर दी गई हैं। बिजली कर्मियों को अलग अलग प्रदेशों में सीपीएफ, ईपीएफ अथवा एनपीएस में शामिल कर दिया गया है। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में कहीं भी इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि बिजली बोर्ड के विघटन के बाद भर्ती किए जाने वाले बिजली कर्मियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। राज्यों के ऊर्जा निगमों में भी कोई एकरूपता नहीं है। कहीं पर ईपीएफ लागू है, तो कहीं पर सीपीएफ लागू है। कुछ निगमों में एनपीएस लागू है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, और झारखंड की सरकारों ने ऊर्जा निगमों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई है। उत्तराखंड में भी इसे लागू किय जाए।
तत्काल दूर की जाए विसंगति
महासचिव राहुल चानना ने कहा कि केंद्र सरकार एनपीएस के तहत काम कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में बदलाव करने जा रही है। ऐसे में राज्यों के ऊर्जा निगमों में काम कर रहे कर्मचारियों के बीच में एक प्रणाली लागू न होने से भविष्य में बड़ी विसंगतियां पैदा होंगी। देश के सभी ऊर्जा निगमों में एकरूपता लाने को केन्द्र सरकार सभी राज्यों को निर्देश जारी करे। सभी राज्यों में ऊर्जा निगमों में कार्य कर रहे बिजली कर्मियों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
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