Thursday, September 26, 2024
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दून में गरजता पीला पंजा : मलिन बस्तीवासियों की बेदखली को लेकर डीएम से मिले राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि

देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी में देहरादून में आजकल पीला पंजा खूब गरज रहा है, दूसरी तरफ एक माह से इसका विरोध भी हो रहा है। राजनीतिक और सामाजिक संगठन प्रभावित लोगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे मलिन बस्तीवासियों की बेदखली की समस्या को लेकर चिंतित हैं। साथ ही उनके पुर्नवास की मांग कर रहे हैं। एक दिन पहले विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने डीएम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया था। तब उनकी डीएम से मुलाकात नहीं हुई थी। ऐसे में गुरुवार को इन संगठनों के प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात की और अपना पक्ष रखा। साथ ही शुक्रवार 14 जून को मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण का घेराव करने का भी निर्णय लिया।
गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। इसके तहत अवैध भवन चिह्नित किए गए हैं। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद 27 मलिन बस्तियों में बने 504 मकानों को नगर निगम, एमडीडीए और मसूरी नगर पालिका ने नोटिस जारी किए थे। इसके बाद नगर निगम ने सोमवार 27 मई से मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई। 504 नोटिस में से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने 403, देहरादून नगर निगम ने 89 और मसूरी नगर पालिक ने 14 नोटिस भेजे थे। अब बड़े पैमाने पर एमडीडीए की ओर से कार्रवाई होनी है।
नगर निगम की सीमा में बने मकानों में 15 लोगों ने ही अपने साल 2016 से पहले के निवास के साक्ष्य दिए हैं। 74 लोग कोई साक्ष्य नहीं दिखा पाए हैं। उन सभी 74 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अधिकांश लोगों ने नोटिस के बाद अपने अतिक्रमण खुद ही हटा लिए थे। जिन्होंने नहीं हटाए थे, उनको अभियान के तहत हटाया जा रहा है। इस अभियान के खिलाफ विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों की ओर से धरने और प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।
वीरवार को एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी सोनिका सिंह से भेंटकर उन्हें बस्तीवासियों की समस्या से अवगत कराया। कहा कि एनजीटी के आदेश पर चलाया जा रहा अभियान कानून के हिसाब से सही नहीं है। अभियान केवल गरीबों के खिलाफ चल रहा है। अमीर एवं प्रभावशाली कब्जेदारों को छोड़ा जा रहा है। बस्तीवासियों को दिये गये नोटिस विधिसम्मत नहीं हैं। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों की अवहेलना है |
तर्क दिया गया कि न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी को हटाओगे तो पहले पुर्नवास करोगे। यहां नगरनिगम व एमडीडीए जोर जबरदस्ती करके बेदखली पर उतारु है। लोग भयभीत हैं। जिन लोगों के घर बुलडोजर चलाया गया वे खुले आसमान में जीने के विवश हैं। प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि वे प्रभावितों के लिये सुनवाई का प्रर्याप्त समय दें। बताया गया कि जिलाधिकारी ने एमडीडीए को न्यायोचित कार्यवाही का निर्देश दिया। कल बस्तीवासियों ने एमडीडीए जाने का फैसला लिया है।
जिलाधिकारी के मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सपा के राष्ट्रीय महासचिव डाक्टर एसएन सचान, चेतना आन्दोलन के शंकर गोपाल, सीपीएम के शहर सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू महामंत्री लेखराज शामिल थे।

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