Saturday, November 23, 2024
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आईडीबीआई बैंक के उप महाप्रबंधक का देहरादून दौरा, किया परियोजना लाभार्थियों से संवाद

• राजधानी की महिलाएं योजना से हो रही लाभान्वित

• मडुए के बिस्किट और मिलेट्स की बर्फी रहे आकर्षण का केंद्र

• घर से कभी न निकल पाने वाली महिलाएँ आज बनीं उद्यमी

• शहरी जीवन से उपजीं स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी हैं मिलेट्स के उत्पाद

• मिलेट्स के उत्पाद ही हैं स्वस्थ जीवनशैली के आधार : डॉ. विजय जोशी

• मिलेट्स के उत्पादों के व्यवसाय में है असीम संभावनाएं : डॉ. रमन गुजराल

देहरादून, डॉ. विजय जोशी उप महाप्रबंधक, कार्पोरेट रणनीति एवं योजना, आईडीबीआई बैंक और दक्षिण क्षेत्र कार्यालय, ईडीआईआई के दक्षिण क्षेत्रीय कार्यालय प्रमुख एवं निदेशक, कार्पोरेट परियोजना विभाग, डॉ. रमन गुजराल ने टिकाऊ उद्यम बनाने में परियोजना राइज के प्रयासों को देखने के लिए देहरादून के विकासनगर स्थित परियोजना स्थल का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी-आधारित मिलेट्स के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों से बातचीत की और वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने में उनकी पहल के लिए प्रतिभागियों की सराहना की। इस दौरान लाभार्थियों ने प्रशिक्षण के दौरान अपने अनुभव के बारे में बात की और बताया कि किस तरह परियोजना ने उन्हें अपनी उद्यमशीलता की यात्रा को सफल बनाने में मदद की है।
अपने उत्पादों के साथ कार्यक्रम में शामिल होने आई रायपुर ब्लॉक की हेमा भारती ने कहा कि हमने अपने उत्पाद तो बना लिए थे पर शुरू में हमें बहुत दिक्कत हुई कि लोगों से कैसे कहें कि हमारे बनाए सामान ले लो। लेकिन धीरे धीरे हमने दुकानों पर जाकर अपने उत्पादों के बारे में बताना शुरू किया और उन्हें मनाया कि अपनी दुकानों पर हमारे उत्पाद रखें। लोगों से अपने उत्पाद के बारे में बताने की हिचक को हमने दूर किया और अब तो देहरादून सचिवालय में भी हमें अपने उत्पाद रखने की जगह मिल गयी है और वहां से हमारे पास काफी मांग आती है।
इसी तरह कालसी ब्लॉक से आई एक महिला उद्यमी ने कहा कि जब एक महिला घर से निकलती है तो हजार सवाल उठते हैं लेकिन प्रोजेक्ट राइज ने आज हमें अपने पैरों पर खड़े होने का मौका दिया है। रायपुर ब्लाक की एक अन्य महिला उद्यमी ने बताया कि अपना खुद का कुछ करने की चाहत में वो अपने गांव से निकलने वाली पहली महिला थीं और आज उनके समूह में 250 महिलाएं हैं। आज हमें बहुत खुशी होती है जब हमारे हाथ में अपनी खुद की कमाई के चार पैसे आते हैं।
प्रदर्शनी के दौरान उद्यमी महिलाओं ने बताया कि किस प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात पहली बार उन्होंने बाजरा आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों को पेश करके उत्पाद नवाचार की खोज की जिसमें बर्नयार्ड, सोरघम, ऐमारैंथ और फिंगर मिलेट शामिल हैं। फिंगर मिलेट को मुख्य सामग्री के रूप में उपयोग करते हुए पहाड़ी रोटाना बिस्किट बनाया गया है जो पूर्ण रूप से आर्गेनिक है। परियोजना के लाभार्थी 15 से अधिक प्रकार के बाजरे और अन्य मिलेट्स आधारित उत्पाद बना रहे हैं जिसमें लड्डू, बर्फी, रोटाना, नमकीन और पापड़ इत्यादि शामिल हैं और देहरादून और उसके आसपास के इलाको मेंक मांग आधारित बिक्री कर रहे हैं।
रिविटलाइजिंग इन्नोवेशन फॉर सस्टनेबल इन्टरप्राइज (RISE) परियोजना, आइडीबीआई बैंक की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी पहल है, जो भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) के सहयोग से शुरू की गई है। इस परियोजना के अंतर्गत प्रौद्योगिकी आधारित उद्यमिता कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जो ग्रामीण और अर्ध-शहरी समुदायों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। वर्तमान में राइज परियोजना देहरादून के कोटी, कालसी, चकराता, रायपुर और विकासनगर ब्लॉक में क्रियान्वित की जा रही है।
प्रोजेक्ट राइज के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना उद्यम स्थापित करने वाली महिलाओं के प्रोत्साहन हेतु एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विजय जोशी द्वारा इन महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान किया गया। कार्यक्रम में श्री गौतम राज सिंह छिब्बर, उप महाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय प्रमुख, आईडीबीआई बैंक, देहरादून, डॉ. रमन गुजराल, क्षेत्रीय निदेशक-परियोजना, ईडीआईआई एवं बैंक के अन्य अधिकारी तथा प्रोजेक्ट राइज के लाभार्थी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में महिला उद्यमियों द्वारा अपने समूहों द्वारा उत्पादित स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गयी।
इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. विजय जोशी ने कहा कि रोटाना बिस्किट, मैदे से बने खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत विशेष है और उन्होंने उद्यमी महिलाओं को भरोसा दिलाया कि जल्दी ही उनके बैंक में चलने वाली बैठकों में चाय के साथ मैदै के बिस्किट की बजाए रोटाना बिस्किट दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिलेट आधारित आर्गेनिक उत्पादों की विदेशों में बहुत मांग है और अगर उद्यमी महिलाएं चाहेंगी तो आईडीबीआई बैंक इनके व्यावसाय को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी आर्थिक संसाधनों की कमी नहीं होने देगा।
डॉ. रमन गुजराल, परियोजना निदेशक, राइज और क्षेत्रीय निदेशक-परियोजना, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान, अहमदाबाद ने उद्यमी महिलाओं के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से आप अपने सारे घरेलू काम करते हुए अपने उद्यम भी स्थापित कर लिए हैं और इतने बढ़िया उत्पाद बना रहे हैं, वह आपकी कर्मठता का जीता जागता उदाहरण है और यह मेहनत आपको निश्चित ही आगे लेकर जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण और हैंडहोल्डिंग के लिए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान सदैव आपके साथ है और इस संबंध में आपको जो भी मदद चाहिए वह हमारी टीम उपलब्ध कराएगी।
प्रोजेक्ट RISE भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है और वर्तमान में देहरादून-उत्तराखंड, कामरूप-असम और काशीपुर-ओडिशा के जिलों में चल रहा है और नवीन उत्पाद निर्माण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, उत्पाद विकास सहायता प्रशिक्षण प्रदान करके और टिकाऊ उद्यम स्थापित करने में सहायता करके ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी आबादी को लाभान्वित कर रहा है।

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