Sunday, November 24, 2024
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नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं : मुख्यमंत्री

देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जल संरक्षण और वृक्षारोपण अभियान, 2024 के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण और जल संचय की दिशा में तेजी से कार्य किये जाए। नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके लिये सभी संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। 10 से 16 जून 2024 तक प्रदेशभर में जल उत्सव सप्ताह व्यापक स्तर पर मनाया जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक आधार पर जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए तेजी से कार्य किये जाए। इसके लिए यूकॉस्ट, यूसर्क एवं जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए कार्य करने वाली अन्य संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी अभियान को सफल बनाने में जन सहभागिता बहुत अहम होती है। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में कार्य करने वालों के साथ ही इस दिशा में जन भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन नदियों और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए अभी तक चिन्हित किया गया है, उनका बेस लाईन डाटा भी बनाया जाय। इनके पुनर्जीवीकरण के लिए लघुकालिक और दीर्घकालिक योजना के साथ कार्य किए जाए। वर्षा जल संचय की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बनाई गई नीति का नियमानुसार पालन सुनिश्चित करवाया जाय।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि से संभावित क्षेत्रों में वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए ऐसे क्षेत्रों में नमी संरक्षण की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए वन विभाग पूरी योजना बनाकर कार्य करें। जो जल स्रोत तेजी से सूख रहे हैं, उनके संरक्षण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्य किए जाएं। चाल-खाल और अमृत सरोवरों के निर्माण में और तेजी लाई जाय। शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण संचय और संरक्षण के लिए प्रभावी तरीके से कार्य किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि आगामी हरेला पर्व से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाए। यह अभियान एक माह तक चलाया जाए। फलदार और छायादार वृक्षों का अधिक रोपण किया जाए। वृक्षारोपण के साथ उनका संरक्षण सबसे अधिक जरूरी है, इनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वृक्षारोपण अभियान को न्याय पंचायत स्तर तक चलाया जाय। न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठी के माध्यम से जल संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम किये जाएं। न्याय पंचायत स्तर, विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में वृक्षारोपण अभियान के तहत फलदार पौध वितरित किए जाएं।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में जन सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को मनरेगा से जोड़ने से लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। इस वर्ष इस अभियान को न्याय पंचायत स्तर तक विस्तार किया जायेगा। वन विभाग द्वारा सेक्टर बनाकर वृक्षारोपण किया जायेगा।
पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण जरूरी है। जल संचय और संरक्षण के परंपरागत तरीकों पर नियमित कार्य करना होगा। इस अभियान को जन अभियान बनाना जरूरी है।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, सचिव शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एच.सी. सेमवाल, डॉ. पराग मधुकर धकाते, शासन के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

 

 

विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं ईकोग्रुप सोसाइटी ने चलाया स्वच्छता अभियान

देहरादून, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं ईकोग्रुप सोसाइटी द्वारा रिस्पना पुनर्जीवन के लिए दस दिनों का संयुक्त स्वच्छता और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है | यह संयुक्त अभियान 31 मई से शुरु हुआ जो 9 जून तक प्रतिदिन चलाया जायेगा । इसी क्रम में बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रिस्पना नदी के तलहटी धोरन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड, ईकोग्रुप सोसाइटी, एचपीसी (हिमालय पर्यावरण कंसल्टेंट्स) ने प्रतिभाग किया। जिसमें सम्मिलित सभी विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं के अधिकारियों/ कर्मचारियों ने मिलकर नदी में स्वच्छता अभियान चलाया। इस सघन अभियान में करीब 160 किलो मिश्रित वेस्ट इकठ्ठा कर निस्तारण के लिए भेजा गया ।
इस अभियान में उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड से डॉ.अंकुर कंसल, पी.के.जोशी, मुख्य पर्यावरण अधिकारी , श्री चंदन सिंह रावत, तथा आशीष गर्ग द्वारा पर्यावरण को संरक्षित करने पर विचार रखे गये | कार्यक्रम के प्रारंभ में सदस्य सचिव बोर्ड डा. पराग मधुकर धकाटे के ई-संदेश से श्रोताओं को अवगत कराया गया।

डॉ. अंकुर कंसल ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए अपने विचार रखते हुये कहा कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण विभाग जमीनी स्तर पर जुड़े कार्यों को एनजीओ के साथ मिलकर कार्यान्वित कर रहा है और इसी तरह के कार्यक्रम हल्द्वानी व अन्य स्थानों पर भी इ आयोजित किये जा रहे हैं l पी.के.जोशी द्वारा स्वच्छता अभियान में इकठ्ठा अपशिष्ट में प्राप्त पुराने कपड़ों को कूड़े में जाने पर चिंता जताई और श्रोताओं से अलग से निस्तारित करने पर जोर दिया | आशीष गर्ग ने रिस्पना को पुनर्जीवित करने और इसमें बढ़ते अपशिष्ट प्रबंधन पर और कई जागरूकता अभियान चलाने पर बल दिया। अंत में मुख्य अतिथि चंदन सिंह रावत ने बढ़ते तापमान और इनसे जुड़े कारणों पर अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रमाणपत्र तथा प्लान्टर (पौधों के साथ गमले) देकर सम्मानित किया गया |
प्लास्टिक बैग/थैली के उपयोग को कम करने के लिये उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों/सदस्यों को कपड़े थैले भी वितरित किये गये I जिससे प्लास्टिक वेस्ट उत्पादन में कमी की जा सके I

इस कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड से सुभाष पंवार, आरके चतुर्वेदी, संध्या शर्मा, निहारिका डिमरी, रचना नौटियाल, ईको ग्रुप सोसायटी से अनिल कुमार मेहता, आशीष गर्ग, मनीष जैन, आशीष नेगी, ऋषिपाल, हिमालयन पर्यावरण कंसल्टेंट्स से केपी बिजल्वान, अनिता बिजल्वान, ममता पंत, मोहित पैन्यूली, सिमरन, दीपक राणा, विजय इत्यादि ने प्रतिभाग किया।

 

“पर्यावरण गतिविधि” ने लाडपुर में किया स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन

देहरादून, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण गतिविधि की तपोवन नगर इकाई द्वारा देहरादून महानगर के उत्तरी भाग के लाडपुर क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 50 किलो ग्राम प्लास्टिक कचरे को एकत्र किया गया।

कार्यक्रम में बोलते हुए पर्यावरण संयोजक महानगर (उत्तर) डॉ. भवतोष शर्मा ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए भूमि संरक्षण, जल संरक्षण, वायु की शुद्धता, जंगलों के संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण के साथ साथ कचरा प्रबंधन की जरूरत है तथा हम सभी को अपने अपने घरों को “हरित घर” के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है जहां ये सभी पर्यावरण संरक्षण कार्य चल रहे होंगे। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में युवाओं और मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

कार्यक्रम में राजपाल रावत ने कहा कि हम सभी को मिलकर पर्यावरण को बचाना है तथा जन जागरुकता भी बढ़ानी होगी। आकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में आकाश, रोहित गोयल, उपदेश भट्ट, गोविन्द, महेश एवं अन्य कार्यकर्ताओं सहित कुल 10 लोगों ने सक्रिय रूप से सहभाग किया ।

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