💥स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौड़वाल जी और हिन्दुजा परिवार की मुम्बई में हुई भेंटवार्ता
ऋषिकेश(कुलभूषण)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौड़वाल जी और हिन्दुजा परिवार की मुम्बई में अद्भुत भेंटवार्ता हुई।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने हिन्दुजा परिवार के साथ उत्तराखंड के विकास और पहाड़ के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिये उन्हें स्किल ट्रेनिंग प्रदान करने हेतु विशद् चर्चा की। स्वामी जी ने कहा कि उत्तराखंड के कर्मठ व युवा मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी इस प्यारे से प्रदेश व प्रदेेशवासियों के लिये अद्भुत कार्य कर रहे है परन्तु पहाड़ व पहाड़वासियों का दर्द भी पहाड़ जैसा ही होता है इसलिये यहां के निवासियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसायिक प्रशिक्षण और स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इस विशेष अवसर पर प्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौड़वाल जी भी उपस्थित रही। स्वामी जी ने कहा कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की आध्यात्मिक विरासत को सहेजने के लिये अद्भुत कार्य किये हैं। चाहे पहाड़ हो या जल के अन्दर, आकाश हो या फिर धरती पर वे भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिकता को परम्पराओं के साथ संरक्षित करने हेतु विलक्षण कार्य कर रहे हैं। बात चाहे केदारनाथ काॅरिडोर की हो या महाकालेश्वर या फिर काशी काॅरिडोर वे भारतीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने के लिये दिन-रात कार्य कर रहे है। अब आवश्यकता है हम अपने-अपने स्तर पर उसे और निखारे।
स्वामी जी ने अनुराधा पौड़वाल जी से कहा कि चारों धामों और भगवान शंकर की धरती उत्तराखंड है और चारों धामों की स्थापना कर आदिगुरू शंकराचार्य ने इसे एक नया स्वरूप प्रदान किया है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी, सनातन की संस्कृति, अपने जड़ों से जुड़ने और जोड़ने तथा उत्तराखंड की संस्कृति को निखारने के लिये अद्भुत कार्य कर रहे हंै वह अद्भुत और अवर्णनीय है। अब क्यों न ऐसा किया जाये कि आदि गुरू शंकराचार्य जी द्वारा रचित श्लोकों, मंत्रों और विश्व मंगल की संस्कृति को स्वर देकर एक नया आयाम प्रदान करे तो यह संदेश वैश्विक स्तर तक जायेगा इस हेतु स्वामी जी ने अनुराधा पौडवाल जी को प्रेरित किया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में हिन्दुजा परिवार की उपस्थिति में सागर के तट पर गायिका अनुराधा पौड़वाल जी ने गंगा के तट को याद करते हुये भजन गाये। उन्होंने कहा कि जब भी मेरी भेंट स्वामी जी से होती है सदैव उनका चिंतन उत्तराखंड के विकास और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिये ही होता है। दुनिया के किसी भी कोने में स्वामी जी जायें उनका चिंतन यही होता है कि कैसे वहां के उद्योगपतियों, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविद्ों की प्रतिभा को अपने राष्ट्र व राज्य के लिये लगाये, उनके योगदान का कैसा उपयोग करे और इस हेतु वे उन्हें प्रेरित भी करते हंै।
हिन्दुजा परिवार ने कहा कि स्वामी जी की प्रेरणा से समाज की सेवा के लिये कई कार्य किये जा रहे हैं और उत्तराखंड निवासियों के लिये वहां के अनुरूप स्किल ट्रेंनिग प्रोग्राम डेवलप किये जाने पर भी शीघ्र ही योजना बनायी जायेगी। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का सान्निध्य पाकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
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