देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राजपुर विधायक खजान दास ने आज परेड ग्राउंड में उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। राज्य जनजातीय अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी कला, संस्कृति और हस्तशिल्प का एक जीवंत प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
अपने संबोधन के दौरान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “यह महोत्सव समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है जो उत्तराखंड को परिभाषित करता है। यह कार्यक्रम हमारे आदिवासी समुदायों की अविश्वसनीय प्रतिभाओं और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “आदिवासी समाज के आत्मनिर्भर बनने से राज्य के साथ साथ देश का भी उत्थान होगा। हमारी सरकार उत्तराखंड के जनजातीय समाज के विकास और उत्थान की दिशा में बढ़ चढ़ के काम कर रही है और करती रहेगी। सरकार उन आदिवासी शख्सियतों को दुनिया के सामने लाने की दिशा में भी काम कर रही है, जिन्हें अभी तक कोई जानता नहीं था।”
अपने संबोधन के दौरान उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासी समाज के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी घोषणा की कि उत्तराखंड राज्य जनजातीय कल्याण विभाग के ढांचे का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा और उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव के लिए धनराशि को भी बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव का लोगो भी लॉन्च किया।
आज से शुरू होने वाले तीन दिवसीय महोत्सव में मनोरम जनजातीय कला और संस्कृति प्रदर्शनी के साथ-साथ राज्य भर की विभिन्न जनजातियों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखी जाएंगी।
टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक, एसएस टोलिया ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यह महोत्सव परंपरा और आधुनिकता के बीच एक पुल के रूप में काम करेगा और साथ ही उत्तराखंड की समृद्ध आदिवासी विरासत के लिए गहरी समझ और सराहना को बढ़ावा देगा।”
टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक, राजीव कुमार सोलंकी ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव हमारे जनजातीय समुदायों की अनूठी परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। यह कार्यक्रम उन्हें अपनी कला, संस्कृति और कहानियों को दर्शकों के साथ साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।”
महोत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय ने ‘तुम सहरी माई पहाड़ी’ और ‘माया घस्यारी’ सहित अपने लोकप्रिय हिट गानों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राज्य भर से हजारों प्रतिभागी उत्सव में शामिल हुए हैं, जिसमें जैविक बाजरा-आधारित खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प, कला और सजावट, और कपड़े सहित विविध प्रकार की वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। 29 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में सभी के लिए प्रवेश निःशुल्क है।
मुख्यमंत्री धामी ने किया देहरादून में स्टेट हैंडलूम एक्सपो का शुभारंभ
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल मैदान में आयोजित स्टेट हैंडलूम एक्सपो में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक्सपो में लगी विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों का उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दस लोगों को उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार भी प्रदान किए। इसके तहत एक लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र दिए गए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट हैंडलूम एक्सपो अपने-आप में विशिष्ट है, क्योंकि इसका स्वरूप जहां एक ओर मेले जैसा है वहीं यह व्यापारिक और स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं और महिलाओं को अपने कार्य का प्रदर्शन करने हेतु एक विशिष्ट मंच भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने शिल्प रत्न एवं हथकरघा, हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम क्षेत्र में पुरस्कृत सभी उत्कृष्ट कार्य कर रहे शिल्पियों, बुनकरों एवं लघु उद्यमियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से जहां एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है वहीं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिए गए ’’आत्मनिर्भर भारत’’ के मंत्र को भी मजबूती मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के स्टेट हैंडलूम एक्सपो के माध्यम से व्यापारियों, कलाकारों, कारीगरों आदि को परस्पर अनुभवों के आदान-प्रदान में भी सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि एक्सपो में महिला समूहों द्वारा विभिन्न स्टॉलों का संचालन व गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का विपणन आर्थिक सशक्तता की ओर महिलाओं की रुचि को भी प्रदर्शित करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि राज्य में 4 लाख 22 हजार परिवारों को संगठित कर 56 हजार 362 समूह तथा 5 हजार 718 ग्राम संगठन तैयार किये गये हैं। इन संगठनों को व्यवसायिक गतिविधियों से निरंतर जोड़े रखने के लिए 350 पंजीकृत सहकारिताओं का गठन किया गया है। जिनमें से आज यहां पर उत्तराखण्ड राज्य और अन्य राज्यों के स्वयं सहायता समूहों के हैण्डी क्राफ्ट, हैंडलूम, जैविक उत्पाद एवं स्थानीय व्यंजन आदि के स्टॉल प्रदर्शित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति को आप हैंडलूम में उकेरिए और देखिए बाजार अवश्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पिछौडे के डिजाइन की अलग पहचान है। इसकी बहुत मांग है और यह मांग देश ही नहीं दुनिया भर में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां की टोपी को आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जब से पहना है वो पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं लंदन और दुबई के दौरे पर गया तो वहां पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस टोपी को पहनकर स्वागत किया। यह दर्शाता है कि हमारे उत्पाद पूरी दुनिया में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात, मुंबई, बैंगलोर सहित अन्य स्थानों पर भी जब हम गए तो लोगों के सिर पर उत्तराखंड की टोपी थी और उस पर ब्रह्म कमल का चिन्ह बना हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे हैंडलूम में आप यहां के प्रतीक चिन्ह हमारी संस्कृति का समावेश करेंगे तो ये निश्चित ही देश दुनिया में लोकप्रियता और पहचान दिलाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो जैकेट मैंने पहनी हुई है, वो आपकी बनाई हुई है, इसकी बहुत मांग है, क्योंकि प्रदेश में भांग के रेशे से, बांस के रेशे से जैकेट्स बन रही है, मफलर बन रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मंत्र ’’वोकल फार लोकल, लोकल फार ग्लोबल थीम’’ के अंतर्गत राज्य के आर्गेनिक उत्पाद एवं परम्परागत शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के लिए निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी जब लगभग दो वर्ष पहले वाइब्रेंट विलेज के तहत माणा प्रवास पर आए थे तो उनके द्वारा उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के लिए ब्रांड बनाने का सुझाव दिया था। इस पर अमल करते हुए हमारी सरकार ने विगत दिसंबर माह में देहरादून में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज नाम से अम्ब्रेला ब्रांड का शुभारंभ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के हाथों करा दिया है। इसके लिए कंपनी भी बन गई है और इसे रजिस्टर्ड भी करा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थानीय शिल्प उत्पादों के विकास एवं विपणन के प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिसमें शिल्पी पेंशन योजना, शिल्प रत्न पुरस्कार, मेला एवं प्रदर्शनी एवं केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रमुख हैं। हमारी सरकार हथकरघा एवं हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिल्पियों के मान सम्मान के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित, निर्मित 9 हस्तशिल्प उत्पादों ने जीआई टैग प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम राज्य के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। यह आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व का ही कमाल है कि आज वैश्विक पटल पर हमारा देश विश्व को एक नई दिशा दिखाने का काम कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का हमारी देवभूमि के प्रति विशेष लगाव रहा है और इसे हमारे यहां केंद्र सरकार द्वारा संचालित हो रही विशिष्ट परियोजनाओं के माध्यम से समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का कार्य जो पहले एक सपना मात्र लगता था वह आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जमीन पर संभव होता दिख रहा है। आज के आधुनिक युग में भी प्रत्येक उत्तराखंडी अपनी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। आज का यह हैंडलूम एक्सपो, अपनी जड़ों से जुड़े रहने की हमारी इसी जिद को प्रदर्शित कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि एक समृद्धशाली उत्तराखंड के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इस प्रकार के आयोजन प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर निरंतर होते रहें।
इस अवसर पर विधायक राजपुर रोड खजान दास, राज्य स्तरीय महिला उद्यमी परिषद की उपाध्यक्ष विनोद उनियाल, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।
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