Monday, November 25, 2024
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अंकिता मर्डर केस : वीआईपी के सवाल पर कांग्रेस उतरी सड़क पर, किया प्रदर्शन

भाजपा विधायक, वीआईपी पदाधिकारी व एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग

राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

देहरादून, अंकिता भंडारी मर्डर केस में एक भाजपा नेता का कथित वीआईपी के तौर पर नाम उछलने के बाद कांग्रेस ने भाजपा की घेराबन्दी शुरू कर दी है। इस मुद्दे पर न्याय यात्रा निकालने से पूर्व कांग्रेस ने दून में धरना प्रदर्शन किया। अंकिता भंडारी के माता पिता द्वारा अंकिता की हत्या के मामले में वीआईपी के के नाम की पहचान करने के बावजूद सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न करने तथा रिसोर्ट पर तत्काल जेसीबी चलाने वाले लोगों पर भी कोई कार्रवाई न होने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया ।

जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार मामले में दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है। अंकिता के माता पिता के आरोपों के अनुसार संघ से जुड़े भाजपा पदाधिकारी को जांच की जद में लाया गया और न ही सबूतों को नष्ट करने के लिए तत्काल रिसॉर्ट पर जेसीबी चलाने का आदेश देने वाली विधायक रेणु बिष्ट और एसडीएम प्रमोद कुमार पर ही कोई कार्रवाई हुई।

ज्ञापन में कहा गया कि जांच में जिस वीआईपी का नाम आ रहा है वो आरएसएस और भाजपा का वरिष्ठ नेता है। ऐसे में धामी सरकार के पास इस मामले की जांच का नैतिक साहस ही नहीं है। जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की देखरेख में करवाई जाए। प्रदेश उपाध्यक्ष पूरण सिंह रावत ने कहा कि भाजपा लोगों की धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर चुनाव जीतती हैं और अगले पांच साल निरंकुश राज करती है। फिर से जब चुनाव आते हैं तो धार्मिक मुद्दे छेड़ कर लोगों में घृणा और द्वेष पैदा कर के राजनीतिक रोटियां सेकती है।
इस आड़ में अंकिता को न्याय, भूकानून जैसे अहम मुद्दे गौण हो जाते हैं। अब लोग भाजपा का असली चरित्र समझ चुके हैं और भाजपा की ये काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ने वाली। कांग्रेस इस मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

इस अवसर पर प्रदेश महासचिव मनीष नागपाल ,महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला थापा ,मंजू त्रिपाठी, जगदीश धीमान ,अनूप कपूर, अभिषेक तिवारी ,सलमान ,वीरेंद्र पवार ,भूपेंद्र नेगी , अनिल शर्मा ,वकार अहमद ,मोहम्मद दानिश ,राहुल तलवार ,अमनदीप सिंह ,सुनील ,राजेश पुंडीर ,मरगूब आलम ,मुकीम अहमद ,रिपु दमन ,आदर्श शुद ,मुकेश रेगमी ,शहजाद अंसारी ,हेमंत उप्रेती ,अवधेश कथेरिया .परवीन कश्यप ,शकील ,रामबाबू ,मनीष गर्ग ,प्रवीण भारद्वाज ,मुस्लिम अंसारी ,मोहम्मद इस्लाम ,मोहम्मद वसीम , मोहम्मद फैजल ,गोपाल दास ,चुन्नीलाल ,मुंशी राम ,नवीन कुमार ,आदि उपस्थित थे।

आखिर चुप्पी क्यों….?

अंकिता मर्डर केस में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार जनता के कठधरे में है, सबसे अहम् बात यह कि भाजपा की कोई भी महिला नेत्री बेचारी इस केस में मुंह खोलने को तैयार नहीं, वैसे तो भाजपा में तेज तर्रार महिला नेत्रियों की भरमार है पर इस मुद्दे पर उन्हें सांप सूंध गया, यह कैसी मजबूरी है कि इस धिनौने अत्याचार पर एक भी भाजपाई महिला अभी भी चुप्पी सादे है और उस वीआईपी को सरकार के साथ पूरा संगठन भी बचाने में लगा है |
सबसे अहम् बात तो यह है कि इस मुद्दे पर कहां गयी मानवीय संवेदना, क्या अगर किसी राजनैतिक पैठ वाले परिवार के किसी महिला सदस्य के साथ अंकिता जैसा व्यवहार होता तो क्या फिर भी इसी तरह जमीर ठंड़ा रहता, नहीं यह प्रश्न भी समूचे पर्वतीय जन मानस के मन लंकीरें खींच रहा है, और इसका असर आने वाले समय में कहीं न कहीं, किसी न किसी रुप म भाजपा पर भारी पड़ेगा |

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