उत्तरकाशी, जनपद सिलक्यारा टनल के अंदर दो दिन से फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिये सरकार हर तरह की जद्दोजहद कर रही है, इसके लिए ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी अंतिम दौर में है, कुछ ही देर में अवरुद्ध हिस्से में पाईप डालने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। घटना स्थल पर जरूरी साजो सामान के साथ विशेषज्ञ व इंजीनीयर्स मौजूद। राज्य सरकार ने गाज़ियाबाद से भी पाइप मंगाकर रेस्क्यू स्थल पर भेजे हैं।
वहीं शासन के द्वारा सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित समिति में शामिल विशेषज्ञों ने स्थल का निरीक्षण कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच समिति में शामिल विशेषज्ञों का यह दल बीते दिन ही घटनास्थल पर पहुँच गया था। दल के द्वारा सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
विशेषज्ञों के इस दल यूएसडीएमए देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, वाडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ. खइंग शिंग ल्युरई, जीएसआई के वैज्ञानिक सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की कौशिल पंडित, उपनिदेशक भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग जी.डी प्रसाद और भूवैज्ञानिक यूएसडीएमए देहरादून तनड्रिला सरकार शामिल हैं, एसडीआरएफ के कमान्डेंंट मणिकांत मिश्रा ने श्रमिकों से बात कर सुरक्षित रेस्क्यू का दिया आश्वसन, रसद व आवश्यक दवाईयां भी पहुंचाई गई | वहीं टनल में फंसे श्रमिकों से कमान्डेंट SDRF द्वारा अभी अभी वॉकी-टॉकी के माध्यम से बात कर उनकी कुशलता ली गयी है।
श्रमिकों द्वारा बताया गया कि वे सब ठीक है और शीघ्र ही रेस्क्यू किये जाने हेतु आशाप्रद है। कमान्डेंट SDRF द्वारा उनका होंसला बढाते हुए धैर्य और हिम्मत बनाये रखने हेतु प्रेरित किया गया व उन्हें शीघ्र ही सुरक्षित रेस्क्यू किये जाने का भरोसा दिलाया गया। साथ ही कम्प्रेसर के माध्यम से आज उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री( चना, बादाम, बिस्कुट, ओ०आर०एस, ग्लूकोस इत्यादि) व कुछ दवाइयां (सरदर्द, बुखार) भी पहुंचाई गई।
टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु राहत एवं बचाव अभियान गतिमान है। कमान्डेंट SDRF स्वयं मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों का नेतृव कर रहे हैं
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