(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- गावों को सडक से जोडने की सरकार की तमाम महत्वाकांक्षी योजनाएं जैसे उत्तर्सू के ग्रामीणों को वेमानी साबित होती दिख रही है। 25-30 परिवारों का यह गांव लम्बे संघर्षो, आंदोलनों व तमाम आश्वासनो के बाद भी यातायात सुविधा से वंचित है। ब्यवस्था की मार ऐसीं कि सर्वे होने के बाबजूद भी लोनिवि सहित जिले के आला अधिकारी व जनप्रतिनिधि तक अब ग्रामीणों को जबाब देने से कतरा रहे है।
बता दें कि अगस्त्यमुनी विकास खण्ड के तल्ला नागपुर (दश्ज्यूला) क्षेत्र के अन्तर्गत न्याय पंचायत चोपडा के उत्तर्सू गांव वासी वर्षो से गांव को सड़क मार्ग से जोडने के लिये संघर्षरत है। शासन-प्रशासन, हो या जनता के प्रतिनिधि सबके दरवाजे खटखटाने के बाबजूद भी आज तक गांव यातायात सुविधा से नहीं जुड पाया, आलम यह है कि अब सड़क मार्ग का सर्वे करने वाला लोनिवि के अधिकारी भी ग्रामीणो को वास्तुस्थित बताने से कतरा रहे है। जन सुनवाई न होने का दंश झेल रहे ग्रामीण ये समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उनकी बात कौन सुनेगा व उनकी मांग की जबाबदेही किसकी है। आज भी ग्रामीण तीन-चार किमी पैदल चलने को मजबूर है।
उप प्रधान धर्मेन्द्र सिंह विष्ट का कहना है कि ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया गया साथ ही क्षेत्रीय विधायक सहित शासन तक गुहार लगाई गई लेकिन आश्वासनों के बाद लगातार ग्रामीण ठगा महसूस कर रहे है। कोई जबाब देने को तैयार नहीं है। ग्रामीण लक्क्षमण सिंह, महेन्द्र सिंह, दलबीर सिंह विष्ट आदि का कहना है कि सड़क सुविधा न होने के कारण समय पर उचित ईलाज न मिलने से बीते वर्षों में गर्भवती महिलाओं सहित कई जान चली गई पर हुक्मरानों को इसकी कोई परवाह नहीं। ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी उनके द्वारा लोनिवि के अधिकारियों से जानकारी ली जाती है तो वे अनविजता जताते हुये फोन न करने की डात करते है। उनका कहना है कि छैत्र के सभी गांव तक सडक पहुंच चुकी है ऐसे में आखिर उत्तर्सू कब सडक से जुडेगा। कब तक सडक सुविधा के अभाव में ग्रामीणों को परेशानी उठानी पडेगी। आक्रोशित ग्रामीण एक बार फिर कशासन प्रशासन के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे है।
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